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राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष को एक करने में जुटीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बैठक बुलाई। बैठक में 17 राजनीतिक दलों ने भाग लिया। यह बैठक कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में थी। इसमें कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो शामिल हैं। इन नेताओं ने राष्ट्रपति चुनावों में एक उम्मीदवार को उतारने का संकल्प लिया। यह जानकारी सुधींद्र कुलकर्णी ने दी।
संविधान संरक्षक बनेगा उम्मीदवार
उन्होंने कहा कि एक उम्मीदवार जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सकता है और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है। ममता बनर्जी ने कहा कि आज यहां सभी पार्टियां थीं। हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे। हर कोई इस उम्मीदवार को समर्थन देगा। हम दूसरों से सलाह मशविरा करेंगे। यह एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। कई महीनों के बाद हम सभी एक साथ बैठे और हम इसे फिर से करेंगे।
आम आदमी पार्टी और टीआरएस ने झाड़ा पल्ला
हालांकि, ममता की योजना को झटका उस वक्त लगा, जब इस बैठक से आम आदमी पार्टी, टीआरएस और बीजद ने किनारा कर लिया। बताया जा रहा है कि बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे, रणदीप सुरजेवाला, शरद पवार, एचडी देवगौड़ा, अखिलेश यादव, महबूबा मुफ्ती, जयराम रमेश समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे।
राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष को एक करने में जुटीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को झटका लगा है। दरअसल, चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए उन्होंने दिल्ली में आज विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। अब खबर है कि इस बैठक से आम आदमी पार्टी, टीआरएस और बीजद किनारा कर सकती है। इससे पहले सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा भी इस बैठक को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
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