National News : केजरीवाल की राजनीति दिल्ली हित में नहीं,राजधानी क्या बदलेगी झुग्गी झोपड़ी में

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National News ; Kejriwal's politics is not in the interest of Delhi, will the capital turn into a slum

(National News) अजीत मेंदोला। नई दिल्ली : ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने 1997 में अपने भारत दौरे के दौरान राजघाट जाने के बाद राजधानी की गंदगी को लेकर कड़ी टिप्पणी कर हलचल मचा दी थी।उन्होंने पाकिस्तान की राजधानी को बेहतर साफ सुथरा बताया था।इसके बाद तब की भारत और दिल्ली सरकार ने दिल्ली को झुग्गी झोपड़ी से मुक्त कर सुंदर बनाने के लिए तमाम फैसले किए।

2000 के बाद दिल्ली के सौंदर्यकरण ने जोर पकड़ना शुरू किया। एक दशक के भीतर दिल्ली व्यवस्थित और साफ सुथरी दिखने लगी। शीला दीक्षित ने अपने तीन कार्यकाल में मुख्यमंत्री रहते है दिल्ली में नया ढांचा खड़ा कर दिया।लगा कि देश की राजधानी का जैसा स्वरूप होना चाहिए दिल्ली वैसे बन रही है।लेकिन डेढ़ दशक बाद 2013 में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने झूठ बोल दिल्ली की सत्ता संभाली तो राजधानी का स्वरूप 90 के दशक वाला बनाना शुरू कर दिया।अरविंद केजरीवाल पढ़े लिखे व्यक्ति हैं वह इतना तो जानते होंगे कि गरीब को गरीब बनाने से उनका तो भला हो जाएगा लेकिन देश तो पिछड़ जाएगा।वोट और सत्ता पाने के लिए झूठ पर झूठ बोल केजरीवाल गरीब जनता को गुमराह क्यों कर रहे हैं।यह समझ से परे हो गया है।

केजरीवाल देश की राजधानी में बसने वालों को झुग्गी झोपड़ी से ऊपर उठाना नहीं चाहते हैं

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की बीजेपी को दी गई चुनौती से तो ऐसा लगता है कि देश की राजधानी में झुग्गी झोपड़ी वालों का बोलबाला होना चाहिए।उनकी चुनौती से ऐसा लगता है कि दिल्ली में सरकार बनाने के लिए केवल और केवल झुग्गी झोपड़ी वाले ही अहम रोल निभाते हैं।बाकी उच्च वर्ग,मध्यम वर्ग,निम्न मध्यम वर्ग का कोई रोल नहीं रह गया है।अगर वाकई ऐसा है तो यह बड़ी चिंता की बात है। केजरीवाल देश की राजधानी में बसने वालों को झुग्गी झोपड़ी से ऊपर उठाना नहीं चाहते हैं।

एक तरह से केजरीवाल यह संदेश दे रहे हैं कि उनकी सरकार बनाओ और जमकर अवैध निर्माण और कब्जे करो

उनके हिसाब से राजधानी की छवि केजरीवाल के हिसाब से झुग्गी झोपड़ी वाली होनी चाहिए।केजरीवाल ने गत रविवार को कहा कि भाजपा झुग्गी झोपड़ी वालों को फिर बसाए,उनके केस वापस ले तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे।एक तरह से केजरीवाल यह संदेश दे रहे हैं कि उनकी सरकार बनाओ और जमकर अवैध निर्माण और कब्जे करो।
अरविंद केजरीवाल ने लगभग डेढ़ दशक पहले राजनीति शुरू की थी।शुरुआत में उन्होंने नौजवानों और हर वर्ग को सपना दिखाया कि दिल्ली को पेरिस,सिंगापुर बना दूंगा।

अजीत मेंदोला।

केजरीवाल के हिसाब से अब देश में कोई भ्रष्टाचारी न तो था और न है

दिल्ली झीलों की नगरी होगी।यमुना नदी इतनी साफ कर दूंगा कि आम जन आचमन कर सकेंगे।सबसे अहम दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त कर दूंगा।सोनिया गांधी, शीला दीक्षित जैसे विपक्ष के कई बड़े नेताओं को भ्रष्टाचारी बता जेल भेजने की बात की थी।मौजूदा सभी बिजली कंपनियों को बंद कर भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजने वाली बात भी खूब बोली थी।दिल्ली की जनता को लगा केजरीवाल ईमानदारी के अवतार के रूप में जनता की सेवा के लिए आए हैं।इसलिए आमजन ने झोली भर भर के वोट दे दिए। सत्ता मिलते ही केजरीवाल सब भूल पैसा पैसा करने लगे।केजरीवाल के हिसाब से अब देश में कोई भ्रष्टाचारी न तो था और न है।

दिल्ली भ्रष्टाचार मुक्त हो गई।भ्रष्टाचार खत्म करने का वायदा कर सत्ता पाने वाले केजरीवाल और उनकी टीम अब भ्रष्टाचार की बात ही नहीं करती है। क्योंकि खुद भ्रष्टाचारी जो हो गए हैं।तमाम आरोप उन पर और उनके मंत्रियों पर लगे हैं।केजरीवाल समेत आधे मंत्री जेल की हवा खा चुके हैं।पूरी टीम के अंदर ही अंदर धन ओर सुख सुविधाओं की ऐसी भूख जागी कि भ्रष्टाचार के लपेटे में आ गए।जब भ्रष्टाचार में फंस गए तो क्या किया जाए।सो अपना पुराना फार्मूला अपनाने लगे।गरीब गरीब कर गुमराह करने में लगे हैं ।केजरीवाल को लेकर कहा तो यह भी जाता है कि वह गरीब आदमी को यह मैसेज देते हैं कि इन अमीरों और टैक्स देने वालों को गरीब कर आप को अमीर बनाऊंगा।

केजरीवाल के 12 साल के कार्यकाल का मूल्यांकन करें तो 90 की दशक की तरह देश की राजधानी झुग्गियों में बदलने लगी है

गरीब आदमी खुश हो बहकावे में आ जाता है।जबकि ऐसा कुछ होता नहीं है।इसलिए तीन तीन बार मौका मिल गया। मध्यम वर्ग कम बिजली के बिल से खुश था तो गरीब झुग्गी वाला झुग्गी को दो मंजिल तीन मंजिल करने से।इससे हालात बिगड़ गए।विकास ठप्प हो गया।दिल्ली रेंगने लगी।केजरीवाल के 12 साल के कार्यकाल का मूल्यांकन करें तो 90 की दशक की तरह देश की राजधानी झुग्गियों में बदलने लगी है।विकास के नाम पर शीला दीक्षित ने जो किया उसी का श्रेय केजरीवाल अपना बता लेते हैं।झुग्गी वालों की हालत यह कर दी कि वह बेकार हो गए हैं।

अवैध कब्जे कर तीन तीन मंजिल झुग्गी बसा किराए पर लोग रखने लगे हैं।दिल्ली के जितने पुल हैं उनके नीचे आसपास झुग्गी झोपड़ी के नाम पर अपराधी पल रहे हैं।पुलिस दोनों तरफ से मजा लेती है।भुगत आम आदमी रहा है। केजरीवाल अगर जीते तो दिल्ली फिर 90 दशक से भी पीछे चली जाएगी।केजरीवाल सत्ता के लिए ऐसा दांव खेल रहे हैं जो न तो दिल्ली के लिए और ना ही देश के लिए ठीक है।

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