National News : कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाएं, मोदी 3.0 सरकार को अस्थिर करने की कोशिश

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National News : कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाएं, मोदी 3.0 सरकार को अस्थिर करने की कोशिश
  • विपक्ष को अपने रवैए में बदलाव लाना होगा

National News | अजीत मेंदोला | नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3.0 सरकार के गठन के साथ ही बीते एक माह में अचानक जम्मू कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा हो रहा है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी को अपने दम पर बहुमत न मिलने के चलते आतंकवादियों और पड़ोसी देश पाकिस्तान के हौसले बुलंद हुए हैं?

अजीत मेंदोला

इसके साथ क्या आतंकवादी मोदी सरकार की तरफ से जल्द जम्मू कश्मीर में कराए जाने वाले चुनावों में व्यवधान डालना चाहते हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव में घाटी के लोगों ने जिस तरह मतदान में बढ़ चढ़ कर भाग लिया उससे भी आतंकवादियों के हौसले पस्त हुए हैं। यही नहीं भारत सरकार का पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने पर जोर देने से भी आतंकवादियों में बौखलाहट है।

9 जून को घाटी में बस पर हुआ था हमला

प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी बार शपथ लेने वाले दिन से आतंकवादी घटनाएं शुरू हुई वह लगातार जारी हैं । 9 जून को ही घाटी में एक बस पर हमला किया था जिसमें 9 लोग मारे गए थे। इसके बाद जून माह में ही आतंकियों ने अधिकारियों की गाड़ी और पुलिस पोस्ट पर अलग अलग दिन हमले किए। बढ़ती घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व अन्य अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर कड़े निर्देश दिए।

इसके बाद सेना और पुलिस ने करवाई कर आतंकवादियों को निशाना बनाया। लेकिन गत सोमवार को कठुआ में आतंकवादियों ने सैन्य वाहनों पर घात लगाकर बीते एक माह में सबसे बड़ा हमला किया। इस हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए। जून माह में आतंकवादियों ने चार हमले किए थे। जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की मदद के बिना यह हमले नहीं हो सकते हैं।क्योंकि सोमवार का हमला बड़ा हमला माना जा रहा है।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर के हालात बदल

दरअसल अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर के हालात बदले हैं। पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड स्तर की बढ़ोत्तरी हुई है। घाटी में माहौल एक दम सामान्य होने लगा था। आतंकवादी घटनाओं में भी भारी कमी आई थी। सरकार के अनुसार 2019 से 2023 के बीच कुल 579 आतंकवादी घटनाएं हुई थी जिसमें 818 आतंकवादी मारे गए थे। इससे पहले संख्या हजारों में होती थी।2023 में कुल 43 घटनाएं हुई थी।

जबकि 2024 में अब तक 22 आतंकवादी घटनाएं हो गई। बीते एक माह में ही आधा दर्जन घटनाएं घटित हो गई। एक तरह मोदी 3.0 सरकार को आतंकी सीधी चुनौती दे रहे हैं। हालांकि सरकार की तरफ से कदम तो उठाए जा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आतंकवादियों के हौंसले फिर से कैसे बुलंद हो गए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2014 से पूर्व की जितनी भी गठबंधन की सरकारें रही उससे आतंकवादियों के हौंसले हमेशा बुलंद रहे।

पूरा जम्मू कश्मीर अशांत क्षेत्र माना जाता था। लेकिन 2014 में बहुमत की सरकार बनने के बाद हालात बदले। हालांकि पुलवामा जैसे बड़े हमले हुए। लेकिन मोदी सरकार ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में घुस आतंकी ठिकाने नष्ट किए वहीं पूरी दुनिया को सीधा संदेश दे दिया कि भारत अब घर में घुस कर भी मार करता है। मोदी 2.0 में सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा पूरी दुनिया को चौंका दिया।

हालांकि मोदी सरकार के इस फैसले का कांग्रेस और कई दलों ने उस तरह का स्वागत नहीं किया जैसे करना चाहिए था। मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले ने पूरे जम्मू कश्मीर के हालात बदल दिए। लेकिन विपक्षी दल राजनीति से बाज नहीं आए। मोदी सरकार ने पार्ट 2 में इसके साथ कई बड़े फैसले किए जैसे तीन तलाक खत्म करना, महिलाओं को लोकसभा विधानसभा में 33% आरक्षण का फैसला और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण लेकिन इसके बाद विपक्ष ने जाति और आरक्षण की राजनीति कर बीजेपी को बहुमत से रोक दिया।

देश की जनता बहुमत की सरकार के बजाए गठबंधन की सरकार पर मोहर लगा दी। इसके बाद विपक्ष ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें जारी रखी हुई हैं। प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी मणिपुर का दौरा कर राजनीति से बाज नहीं आए। राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन को लेकर ऐसे समय पर बयान दिया जब प्रधानमंत्री मोदी रूस दौरे पर थे।

कांग्रेस के इस रुख को एक तरह से सरकार की विदेश नीति को कमजोर करने की कोशिश माना जा रहा है। जानकार यह भी मान रहे हैं विपक्ष जो रवैया अपना रहा है उससे भी गलत संदेश जा रहा है। पाकिस्तान और आतंकवादियों को भारत में बहुमत की सरकार कभी भी रास नहीं आई। हालांकि मोदी सरकार घाटी को लेकर गंभीर है और जल्द चुनाव कर आतंकवादियों के मंसूबे असफल कर देगी। लेकिन ऐसे समय पर विपक्ष को ऐसी राजनीति से बचना होगा जिससे दुश्मन देश के हौंसले बुलंद न हों।

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