(National News) नई दिल्ली।अजीत मेंदोला : हेराल्ड मामले में कांग्रेस ने सरकार पर हमले के लिए पूरी फौज तो मैदान में उतार दी है,लेकिन जिन जिन राज्यों में आंदोलन चल रहा है वहां पर भीड़ जुटाने में कांग्रेसियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।कमजोर संगठन के चलते यह हालात बने हैं। इसके बाद कांग्रेस ने रणनीति बदल ही है।पार्टी के बड़े नेताओं को राज्यों में अलग अलग जगह पर संवाददाता सम्मेलन कर राजग सरकार पर हमला बोलने को कहा है।सोमवार से कई राज्यों में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने पीसी कर केंद्र पर भी हमला बोला।
लेकिन कांग्रेस अभी तक ऐसा माहौल नहीं बना पाई जिससे सरकार पर दबाव बन पाता।कांग्रेस का जिन राज्यों में बीजेपी से सीधा मुकाबला है वहां पर पार्टी बड़ा आंदोलन करने में अभी तक असफल रही है।राजस्थान,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,उत्तराखंड,हरियाणा जैसे कई राज्य हैं जहां पर प्रदर्शन के लिए भीड़ जुटाने में भी नेताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ी।सोमवार से कुछ राज्यों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत की जो गुरुवार तक चलेगी।दिल्ली में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम मैदान में उतरे।मंगलवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शिमला में मीडिया को संबोधित कर बताएंगे कि उनके नेताओं को झूठे केस में फंसाया जा रहा।
बड़े प्रदेशों जैसे उत्तर प्रदेश,राजस्थान,तमिलनाडु,मध्यप्रदेश में अलग अलग शहरों में नेता जा कर संवाददाता सम्मेलन करेंगे।पार्टी के अधिकाशं महासचिव,सचिव,सांसदों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है।पार्टी की रणनीति है कि अधिक से अधिक संवाददाता कर आम जन को संदेश दिया जाए सरकार राजीतिनिक बदले की करवाई के तहत झूठे केस में फंसा रही है।नेशनल हेराल्ड केस ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप है कि हेराल्ड की संपत्ति की हिस्सेदारी में बड़ा घोटाला किया गया है।
कांग्रेस ऐसी दुविधा में फंस गई कि वह करे तो क्या करे
नवंबर 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और उनके बेटे राहुल के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज की थी।26 जून 2014 में अदालत ने स्वामी की शिकायत को संज्ञान में समन जारी किया।दोनों नेताओं ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी लेकिन कोई राहत नहीं मिली।2015 में पटियाला कोर्ट ने दोनों नेताओं को जमानत दी।2022 में ईडी ने दोनों नेताओं को जब पूछताछ के लिए बुलाया तो कांग्रेस ने तब आंदोलन कर ताकत दिखाई थी।लेकिन मामला जारी रहा।ईडी ने अपनी रिपोर्ट में दोनों को आरोपी बताया है।इस पर 25 अप्रैल से सुनवाई होगी।इस बीच जमीन घोटाले में सोनिया के दामाद राबर्ट वाड्रा से भी पूछताछ शुरू हो गई।कांग्रेस ऐसी दुविधा में फंस गई कि वह करे तो क्या करे।
जो भी जेल भरो आंदोलन हुए वह औपचारिकता भर ही दिखे
पार्टी ने फिलहाल अपने दोनों वरिष्ठ नेताओं सोनिया और राहुल के मामले में आंदोलन कर ताकत दिखाने की कोशिश की लेकिन असर नहीं छोड़ पाई।कांग्रेस ने लगातार आंदोलन चलाने की रणनीति बनाई हुई है।25 अप्रैल के बाद राज्य स्तर पर फिर मई में जिला व शहर स्तर पर आंदोलन की तैयारी की हुई है।कांग्रेस हेराल्ड मामले में देशभर में अपनी ताकत आजमाने की जो कोशिश कर रही है उसमें वह अभी तक सफल नहीं है।जो भी जेल भरो आंदोलन हुए वह औपचारिकता भर ही दिखे।