- राज्यपाल के अभिभाषण में देखने को मिला सरकार का विजन और मिशन
- विपक्ष दिखा मुद्दा विहीन
(National News) अजीत मेंदोला, जयपुर। सरकार के एक साल के कार्यकाल को लेकर विपक्ष चाहे कितने भी सवाल उठाए, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने साबित कर दिया कि वह दूसरों से अलग है। यूं कहा जा सकता है शर्मा ने पहले ही साल में सदन के अंदर भी अपनी धाक जमा दी है। मुख्यमंत्री ने अपने पहले साल में ही ऐसे फैसले किए हैं, जो चार साल बाद कहीं ना कहीं बड़ी उपलब्धि के रूप में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। ऐसा पहली बार हुआ जब राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गिनाई उपलब्धियां जमीन पर साकार हुई हैं।
राज्य में निवेश का मामला हो या पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का, यह दोनों बड़ी उपलब्धियां हैं। इससे पूर्व की सरकार शुरू के दो—तीन साल घोषणाएं ही करती थी। अंतिम दो साल में घोषणाएं जमीन में उतारी जाती थी, लेकिन मुख्यमंत्री शर्मा और उनकी टीम ने पहले ही साल में चुनाव में किए गए वादों को अमल में ला कर ऐसी शुरुआत कर दी है, जिसका जवाब विपक्ष को देना मुश्किल होगा। हालांकि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विपक्ष ने कई सवाल उठाए जरूर हैं, लेकिन उन में ऐसा कोई सवाल नहीं है जिसे विपक्ष बड़ा मुद्दा बना सके।
देखा जाए तो सीएम शर्मा की यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस निवेश से राजस्थान में औद्योगिक विकास की क्रांति आ सकती है
बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने अभिभाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना से की, लेकिन उसके बाद सरकार की उपलब्धियां जब गिनाना शुरू किया तो विपक्ष के पास कोई जवाब नहीं था।राज्यपाल ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का जिक्र कर बताया कि सरकार ने पहले ही साल में समिट का आयोजन कर 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश की मजबूत बुनियाद रख दी है। देखा जाए तो सीएम शर्मा की यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस निवेश से राजस्थान में औद्योगिक विकास की क्रांति आ सकती है। यही नहीं औद्योगिक क्षेत्रों के विकास एवं भूमि अधिग्रहण के लिए 512 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय और नए 11 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 1 हजार 282 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जाने से रोजगार के साधन बढ़ेंगे।
डोटासरा के आरोप, लेकिन मुद्दा ठोस नहीं
राजस्थान के लिए पानी सबसे बड़ा मुद्दा है। मुख्यमंत्री शर्मा ने पहले ही साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रामजल सेतु लिंक परियोजना का शिलान्यास करा बड़ा दांव खेला। पूर्वी नहर परियोजना से पूर्वी राजस्थान के 17 जिलों में 4 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई और 3 करोड़ से अधिक आबादी की पेयजल जरुरतों को पूरा किया जाएगा। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों की जो पूरी सूची बताई, उनमें अधिकांश पर काम शुरू हो चुका है। बिजली, पानी, नई नियुक्तियां, पेपर लीक पर रोक ऐसे कई मामले हैं, जो आमजन पर असर डालते हैं। हालांकि राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला, लेकिन मुद्दे ठोस नहीं थे।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल के अभिभाषण को कोरी बातें करार दिया। उन्होंने कहा कि बजरी माफिया हावी है। यहां किसानों को बिजली मिल नहीं रही है। पेपर लीक रोकने की बात कर रहे हैं, जबकि परीक्षा नहीं करवा पा रहे हैं। किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब है।हालांकि विपक्ष ने जो भी आरोप लगाए, वह परंपरागत लगते रहते हैं। मुख्यमंत्री शर्मा और उनकी सरकार के खिलाफ विपक्ष एक साल में ऐसा कोई मुद्दा नहीं ढूंढ पाया, जो सरकार की छवि पर असर डाल पाता।