- अभी दिल्ली चुनाव पर है नजरें
(अजीत मेंदोला) नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा की जीत से उत्साहित बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अब देरी कर सकती है।सूत्रों की माने तो पार्टी में इस बात पर गहन मंथन हो रहा है कि दिल्ली चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराया जाए।हालांकि पार्टी में बाकी चुनाव कराए जाने की प्रक्रिया जारी है।इस माह की 15 तारीख तक मंडल अध्यक्षों का चुनाव पूरा कर लिया जाएगा।इसके बाद 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षों के चुनाव हर प्रदेश में पूरे कर लिए जाएंगे।इसी बीच प्रदेश अध्यक्षों की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
दिल्ली में फरवरी तक नई सरकार का गठन कर लिया जाएगा
इसके बाद नए साल में अध्यक्ष के चुनाव की प्रतिक्रिया शुरू होनी थी।जनवरी के अंतिम सप्ताह में चुनाव पूरे करने का लक्ष्य था।लेकिन जनवरी में ही दिल्ली के चुनाव की घोषणा के आसार हैं। दिल्ली में फरवरी तक नई सरकार का गठन कर लिया जाएगा।सूत्रों का कहना है पार्टी इस बार दिल्ली चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है।पार्टी की यही रणनीति है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली हर हाल में जीता जाए।इसके लिए बकायदा महाराष्ट्र और हरियाणा की तर्ज पर काम भी शुरू हो गया है।
इसलिए संकेत है कि पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को दिल्ली चुनाव के बाद पूरी करे।संघ भी नए अध्यक्ष को लेकर मापदंड तय कर रहा है।कोशिश यही है कि संघ में काम कर चुके किसी चेहरे को मौका दिया जाए।संघ प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही आखिर में नाम पर मोहर लगाएंगे।बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव यूं तो पिछले साल होना था,लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते इसे एक साल आगे कर दिया गया।
महाराष्ट्र और हरियाणा की शानदार जीत से पार्टी नए जोश में है और अब उसका अगला निशाना दिल्ली जीतना है
लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर जनवरी तक अध्यक्ष के चुनाव को पूरा करने का लक्ष्य रखा।लेकिन इस बीच हरियाणा,महाराष्ट्र,जम्मू कश्मीर में चुनाव के चलते इन राज्यों में चुनाव समय पर नहीं हो पाए।अब वहां पर निचले स्तर के चुनाव चल रहे हैं।महाराष्ट्र और हरियाणा की शानदार जीत से पार्टी नए जोश में है और अब उसका अगला निशाना दिल्ली जीतना है।जहां तक नए अध्यक्ष का सवाल है तो कई नाम चल रहे हैं।
भूपेंद्र यादव,धर्मेंद्र प्रधान के नाम तो अभी तक रेस में हैं ही एक नया नाम सरोज पांडे का भी चर्चा में आ गया।लेकिन महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में हो रही देरी ने भी कई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।पार्टी इस पशोपेश में फंस गई है कि महाराष्ट्र की कमान ब्राह्मण को दी जाए या किसी मराठा को।एक चर्चा यह भी है कि अगर किसी वजह से देवेंद्र फणवीस को सीएम बनने का मौका नहीं मिलता है तो फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए संघ और प्रधानमंत्री मोदी की पहली पसंद हो सकते हैं।फणवीस सीएम बन गए तो फिर किसी का भी नंबर आ सकता है।