डिजिटल प्रौद्योगिकी की मदद से मिले दिव्यांगों को सुलभ आधुनिक शिक्षा: अपूर्व ओम

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Apoorva Om meets President Ram Nath Kovind
Apoorva Om meets President Ram Nath Kovind
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की मुलाकात, मिला आश्वासन
आज समाज डिजिटल, National News: 
देश मे दिव्यांगों के सामने काफी चुनौतियां हैं, इन्हें डिजिटल प्रौद्योगिकी की मदद से आधुनिक शिक्षा देकर दूर किया जा सकता है। यह मांग रखी है
President Ram Nath Kovind
President Ram Nath Kovind

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग कलाकार अपूर्व ओम ने अपने पिता विकाश चंद्र के साथ देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के दौरान अपनी समस्याओं को सांझा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सामने कई समस्याएं आई, जिस कारण शिक्षा पूरी नहीं हो पाई।

दिव्यांगों को सभी सुविधाएं दी जाएगी

Accessible Modern Education to the Handicapped
Accessible Modern Education to the Handicapped

डिजिटल माध्यम से शिक्षा मिलने पर यह सतत जारी रहेगी, साथ ही आधुनिक सुविधा इसे सरल बना देगी। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद अपूर्व ओम ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि दिव्यांगों को सभी सुविधाएं दी जाएगी। उन्हें सामान्य बच्चों के साथ पढ़ने का मौका दिया जाएगा। ऐसा होने पर दिव्यांगों में विश्वास आएगा। हालांकि शारिरिक समस्याएं रहेंगी, जिन्हें दूर करने के लिए सरकार के तरफ से मूक और बधिर दिव्यांगों के लिए कॉकलियर इम्प्लांट की सुविधा को सुलभ बनाया जाए।

भारत देश के नाम से होनी चाहिए पेंटिंग की पहचान 

Accessible Modern Education to the Handicapped
Accessible Modern Education to the Handicapped

अपूर्व ओम ने कहा कि यूनेस्को पेरिस में उनकी एक कलाकृति पेंटिंग व्यक्तिगत नाम के साथ रखी हुई है, उक्त पेंटिंग की पहचान भारत देश के नाम से होनी चाहिए। वहीं राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित अपूर्व ओम ने कहा कि साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें अध्यक्ष के समक्ष अपने इस विचार को रखे थे और उन्होंने भी इसे लागू करने में मदद का आश्वासन दिया था।

विचारों और कलाकृति की सराहना

इसके अलावा यूएनएसजी बान की-मून ने मुलाकात की और मेरे विचारों और कलाकृति की सराहना की। नोबेल पुरस्कार विजेता कोफी अन्नान ने भी मुलाकात कर काम की प्रशंसा की है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने मुझे आईसीजे की 70 वीं वर्षगांठ पर आमंत्रित किया, मेरे काम की सराहना की और मेरी कलाकृति अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के जजों की पोर्ट्रेट पीस पैलेस की पेंटिंग के साथ को आई सी जे में स्थापित किया।