- प्रदेश स्तर पर राज भवन व राजधानी मे कूच करेंगे किसान : राकेश टिकेत
Aaj Samaj (आज समाज), National Movement, करनाल,22 नवम्बर, इशिका ठाकुर
एसकेएम एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर का आंदोलन करने जा रही है जो 26 नवंबर से लेकर 28 नवंबर तक होगा। इस दौरान प्रत्येक राज्यों में वहां के किसान अपने अलग-अलग मुद्दों को लेकर वहां के राजभवन और राजधानी की तरफ कुच करेंगे और आंदोलन करेंगे करनाल के सौकड़ा गाँव में कबडडी टुर्नामेंट में बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे किसान नेता राकेश टिकेत ने कहा कि खेलों से हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है और युवा नशे से भी दूर रहता है।
गुरनाम सिंह चढुनी द्वारा आयोजित रैली में न्यौते के सवाल पर उन्होने कहा कि हमें इस रैली के लिए कोई न्यौता नहीं मिला है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि आजकल इलेक्शन का दौर शुरू हो चुका है और हम नॉन पॉलिटिकल लोग है, हम राजनीति से दूर रहते है। उन्होने गुरनाम सिंह चढूनी की रैली को इलेक्शन वाली रैली बताया। पांच राज्यों के चुनाव के दौरान राजस्थान में एमएसपी गारंटी कानून की बात सामने आई है, इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि अब एमएसपी राजनीति में शामिल हो चुका है।
राजनेताओं ने एमएसपी का नाम लेना शुरू कर दिया है, एक दिन ऐसा भी आएगा, जब एमएसपी लागू भी होगा। जब राजस्थान के मुख्यमंत्री कह रहे है कि वे अपने स्टेट में स्टेट एमएसपी लागू करेगे, ऐसे में एक स्टेट से शुरूआत हो जाएगी, लेकिन यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह पूरे देश में एमएसपी गारंटी कानून लागू करें, क्योंकि इसी से किसानों को फायदा होगा।अभी 40 प्रतिशत एमएसपी पर किसान से खरीदा जा रहा है और 60 प्रतिशत हिस्सा व्यापारी पर जा रहा है। अगर पूरे देश का आंकलन किया जाए तो 6 प्रतिशत ही खरीद होती है।
गन्ने के बढ़े हुए दामों पर राकेश टिकैत ने कहा कि जहां पर आंदोलन मजबूत होगा वहां पर सरकार सारा काम करेगा। लेकिन जहां पर आंदोलन कमजोर होगा, वहां पर जल्दी से काम सरकार नहीं करेगी। सरकार का काम है कि वह रेट बढ़ा। सरकार का कहना होता है कि किसान हमे वोट नहीं देता और जिसने हमें वोट दिया, हमने उसका काम कर दिया। जिस दिन किसान वोट देना शुरू कर देगा, उस दिन सरकार सारा काम करना शुरू कर देगी, लेकिन अभी ताे सरकार आंदोलन के दबाव में काम कर रही है।
एसकेएम 26 नवंबर से लेकर 28 नवंबर तक राष्ट्रीय आंदोलन करने जा रही है जिसके तहत किसान स्टेट के राजभवन या राजधानी में जाएंगे और एक जगह चिन्हित करके बैठेंगे। मुददा सिर्फ किसानों से जुड़ा होगा। प्रत्येक स्टेट में किसानों के अलग अलग इशू है। जिसमें एमएसपी गारंटी, प्रदूषण का मुद्दा, लखीमपुर जैसे मुद्दे शामिल है।
राहुल गांधी द्वारा वल्र्ड कप मैच के दौरान प्रधानमंत्री को पनौती बताने के सवाल पर टिकेत ने जवाब दिया कि इस देश में कोई भी किसी को कुछ भी कह सकता है और वे मैच क्यों देखने गए, जब पूरा देश ही नहीं चाह रहा था। मैच देश का था या फिर बीजेपी का था। खिलाडियों को खिलाडी ही रहने दो उनको किसी पार्टी के साथ न जोड़ो। खिलाडियों पर इतना दबाव आ गया कि वे अपना प्रदर्शन दिखाने के चक्कर में मैच हार गए। किसी मैच या खिलाडी को इवेंट नहीं बनाना चाहिए, खेल को खेल ही रहने दो।
प्रदूषण के मुद्दे पर टिकेत ने कहा कि हरियाणा में कोई प्रदूषण नहीं है लेकिन हरियाणा और पंजाब के किसानों के नाम दिल्ली वालों की प्रदूषण लिस्ट से कब कटेगा, इसका कुछ पता नहीं है।अगर वह दिल्ली के कागजो से कट जाता है तो अपने आप ही पॉलुशन कम हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर हरियाणा और पंजाब के प्रबंधों पर टिकेत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के प्रबंधों को सही बताना ही था लेकिन पंजाब के प्रबंधों पर नकारात्मक टिप्पणी की, क्याेकि हरियाणा में बीजेपी की सरकार।