नई दिल्ली। भारत के मिशन चंद्रयान-2 को तब झटका लगा जब सकुछ ठीक चलते हुए यकायक विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से टूट गया। हालांकि इसरो के मिशन चंद्रयान-2 में विक्रम लैंडर की साफ्ट लैंडिंग नहीं हो पाई थी जिसके बाद उससे दोबारा संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। इसरो लगातार विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। अब इसरो की मदद के लिए नासा भी सामने आया है। इसरो के प्रयास में अब नासा भी जुट गया है। नासा अब इसरो को चंद्रमा की उस लोकेशन की तस्वीरें भी मुहैयया कराएगा, जहां विक्रम लैंडर साबुत गिरा हुआ है। यानी इन तस्वीरें की मदद से इसरो को विक्रम लैंडर को लेकर कुछ जानकारी हासिल हो सकती है, मसलन किस तरह से स्पष्ट लैंडिंग हुई और गति क्या थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा ने कहा कि वह उस स्थान की पहले और बाद की तस्वीरें इसरो के साथ साझा करेगा जहां चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर ने 7 सितंबर को तड़के हार्ड लैंडिंग की। न्यूयॉर्क टाइम्स ने नासा के एक बयान में कहा, “नासा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के प्रयास का समर्थन करने के लिए चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के लैंडिंग स्थल के आसपास के क्षेत्र की लैंडिंग से पहले और बाद की तस्वीरें साझा करेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भी विक्रम लैंडर के साथ संचार को फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रही है, जिससे 7 सितंबर से अब तक किसी तरह का संपर्क नहीं हो पाया है। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) विक्रम को रेडियो सिग्नल भेज रही है। इसरो के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, चंद्रमा के विक्रम के साथ संचार लिंक फिर से स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रयास 20-21 सितंबर तक किए जाएंगे, जब सूरज की रोशनी उस क्षेत्र में होगी, जहां विक्रम उतरा है। इसरो बेंगलुरु के पास बयालालू में अपने भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के जरिए विक्रम के साथ संचार स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।