NASA Statement: जुलाई-2023 इतिहास का सबसे गर्म महीना, तापमान 0.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड

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NASA Statement
जुलाई-2023 इतिहास का सबसे गर्म दिन, 0.24 डिग्री ज्यादा टेम्परेचर रिकॉर्ड : नासा

Aaj Samaj (आज समाज), वाशिंगटन: जुलाई-2023 को 1880 के बाद से अब तक का सबसे गर्म महीना बताया गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के मुताबिक किसी अन्य जुलाई की तुलना में पिछला महीना यानी जुलाई 0.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा। यूरोपियन यूनियन क्लाइमेट आब्जर्वेटरी भी इस जुलाई को इतिहास का सबसे गर्म महीना बता चुकी है।

  • जून भी रहा था इतिहास का सबसे गर्म माह

ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को रोकना जरूरी

अमेरिकी एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को साफतौर पर देखा जा सकता है और इसे रोकने के लिए तुरंत एक्शन लेना जरूरी है। नासा के मुताबिक, जुलाई में साउथ अमेरिका, नॉर्थ अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका और अंटार्कटिका के हिस्से औसत तापमान से 4 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहे। अगर इस जुलाई के तापमान की तुलना 1951 से 1980 के बीच जुलाई के औसत तापमान से करें तो तापमान 1.18 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा।

अल-नीनो और कार्बन डाइआक्साइड बड़े कारण

इस बार जून-2023 भी दुनिया में अब तक का सबसे गर्म महीना रहा था। वैज्ञानिकों ने बढ़ते तापमान का कारण अल-नीनो और एटमॉस्फियर में बढ़ती कार्बन डाइआक्साइड (CO2) बताई है। वैज्ञानिकों के अनुसार ह्यूमन एक्टीविटीज भी टेम्परेचर में इजाफे का एक बड़ा कारण है। फॉसिल फ्यूल्स जलने से हर साल 40 अरब टन CO2 पैदा होती है।

जानिए क्या है अल नीनो

अल नीनो एक वेदर ट्रेंड है, जो हर कुछ साल में एक बार होता है। इसमें ईस्ट पैसिफिक ओशन में पानी की ऊपरी परत गर्म हो जाती है। वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल आॅर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएमओ) ने बताया कि इस क्षेत्र में फरवरी में औसत तापमान 0.44 डिग्री से बढ़कर जून के मध्य तक 0.9 डिग्री पर आ गया था।

ब्रिटानिका के अनुसार, अल-नीनो की पहली रिकॉर्डेड घटना साल 1525 में घटी थी। इसके अलावा 1600 ईसवी के आसपास पेरू के मछुआरों ने महसूस किया कि समुद्री तट पर असामान्य रूप से पानी गर्म हो रहा है। बाद में रिसर्चर्स ने बताया था कि ऐसा अल-नीनो की वजह से हुआ था।

जानिए क्या होता है अल नीनो

अल नीनो एक वेदर ट्रेंड है, जो हर कुछ साल में एक बार होता है। इसमें ईस्ट पैसिफिक ओशन में पानी की ऊपरी परत गर्म हो जाती है। वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल आॅर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएमओ) ने बताया कि इस क्षेत्र में फरवरी में औसत तापमान 0.44 डिग्री से बढ़कर जून के मध्य तक 0.9 डिग्री पर आ गया था।

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