Aaj Samaj (आज समाज), NASA Chief Bill Nelson, नई दिल्ली: अमेरिका ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को भविष्य का एक महत्वपूर्ण भागीदार बताया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के प्रमुख बिल नेलसन भारत दौरे पर हैं और उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) जितेंद्र सिंह के साथ बैठक कर अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देशों की भागीदारी को और बढ़ाने पर भी चर्चा की। नेलसन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए जितेंद्र सिंह को बधाई भी दी। बता दें कि मंगलवार को भारत पहुंचने के बाद नेलसन ने एक ट्वीट में कहा था कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक लीडर है और हमें इस दौरे से काफी उम्मीदें हैं।
भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देगा नासा
नासा प्रमुख ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि चर्चा का फोकस एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री की प्रस्तावित भूमिका पर केंद्रित रहा जिसे नासा की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अंतरिक्ष यात्री अगले साल अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरेगा। नासा प्रमुख ने बताया कि इसकी बारीकियों पर काम किया जा रहा है और इस बारे में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत में दोनों देश मिलकर भारत से एक लो अर्थ आर्बिट आब्जर्वेटरी की शुरुआत करेंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री सिंह के साथ हुई वार्ता को लेकर नेलसन ने कहा, हमने इस पर चर्चा की कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर क्या करेगा।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री को रिसर्च में प्रोत्साहित करेंगे
उन्होंने कहा, हमने इस तथ्य पर भी बात की कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री के पास भारत के लिए जरूरी वैज्ञानिक रिसर्च करने का विकल्प होना चाहिए। नेलसन ने कहा, अगर उस अंतरिक्ष यात्री को रिसर्च के किसी विशिष्ट हिस्से में रुचि होगी तो मैं उसे प्रोत्साहित करना करूंगा।
2024 की पहली तिमाही में निसार की लॉन्चिंग
उन्होंने कहा, 2024 की पहली तिमाही में भारत एक काफी महंगा अंतरिक्षयान ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार’ (निसार) आब्जर्वेटरी लॉन्च करेगा। नेलसन ने कहा, हमारे इन प्रयासों से मिलने वाली जानकारी हमें यह बताएगी कि हमारे ग्रह और इसकी जलवायु के साथ क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि करीब 100 करोड़ डॉलर की लागत से बनने वाला यह स्पेसक्राफ्ट धरती की सतह पर एक ऐसी तकनीक से नजर रखेगा जो इसमें आने वाले हर बदलाव को बता सकेगा।
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