Narishakti Vandan Bill: लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश, बिल पास होने पर 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित

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Narishakti Vandan Bill
लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश, बिल पास होने पर 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित

Aaj Samaj (आज समाज), Narishakti Vandan Bill, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में 128वां संविधान संशोधन बिल यानी  ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पेश किया। इसके तहत लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई  (33 प्रतिशत) आरक्षण लागू किया जाएगा। बिल पास होने पर लोकसभा की 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। कांग्रेस ने इस विधेयक पर कहा कि और पिछड़ी जाति की महिलाओं को वो मौका नहीं मिलता, जो बाकी सभी को मिलता है। सत्ता पक्ष की ओर से उन्हें इसका करारा जवाब दिया गया। कहा गया कि आज देश की राष्टÑपति कौन हैं।

विधेयक पर आज सुबह 11 से शाम 6 बजे तक बहस

नारी शक्ति वंदन अधिनियम, नाम के विधेयक में कहा गया है कि महिलाओं के लिए आरक्षण को ताजा जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू किया जाएगा, जो यह बताता है कि बदलाव 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद लागू हो सकते हैं। इसमें कहा गया है कि आरक्षण शुरू होने के 15 साल बाद प्रावधान प्रभावी रहेंगे। लोकसभा में इस बिल पर 20 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बहस होगी।

विधेयक में सबसे बड़ा पेंच

नए विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि यह परिसीमन के बाद ही लागू होगा। परिसीमन इस विधेयक के बाद होने वाली जनगणना के आधार पर होगा। 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव है। इस फॉमूर्ले के मुताबिक विधानसभा और लोकसभा चुनाव समय पर हुए तो इस बार महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। यह 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।

नया भवन अहम फैसले का साक्षी बन रहा

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा, हम सब के लिए आज का दिन यादगार है। नया भवन अहम फैसले का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा, लोकसभा में नारीशक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया और वहां चर्चा के बाद यह बिल यहां (राज्यसभा) भी आएगा। पीएम ने कहा, यह नारी सशक्तिकरण से जुड़ा बिल है और हमारा प्रयास रहा है कि राष्ट्र निर्माण में, कई ऐसे सेक्टर हैं जिनमें महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा, हमने सैनिक स्कूलों के दरवाजे बेटियों के लिए खोल दिए हैं। हम जितनी सुविधाएं देंगे, उतना ही हमारी बेटियां आगे बढ़ेंगीं।

अटल जी ने कई प्रयास किए : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अटल जी ने कई प्रयास किए, लेकिन नंबर कम पड़ते थे। उस टाइम कुछ राजनीतिक विरोध भी था और अब नए सदन में हमने इस बिल को पेश कर नारी शक्ति में भागीदारी सुनिश्चित करने का कदम उठाया है, इसीलिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम संविधान संशोधन के रूप में लोकसभा में लाया गया। फिर इसे एक दो दिन में राज्यसभा में लाया जाएगा। पीएम ने सभी सदस्यों से इस बिल को सर्वसम्मति से सहयोग देने की अपील की।  ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक पर हंगामे के बीच राज्यसभा के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, आज ऐतिहासिक दिन है और इसको हंगामे की भेंट न चढ़ाएं। उन्होंने कहा, यह मुद्दा बहुत जरूरी है, कई प्रयास हुए, लेकिन यह बिल पास नहीं हो सका।

खड़गे के आरोप पर निर्मला सीतामरण का करारा जवाब

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने महिला आरक्षण बिल यानी  ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ पेश पर चर्चा करते हुए कहा, दलित और पिछड़ी जाति की महिलाओं को उस तरह से मौका नहीं मिलता, जिस तरह अन्य सभी को मिलता है। इस पर  सत्ता पक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खड़गे से पूछा कि देश की राष्ट्रपति कौन हैं? उन्होंने कहा, वे ट्राइबल समाज से आने वाली महिला हैं। सीतारमण ने यह भी कहा कि जिस पार्टी के आप अध्यक्ष हैं, उसमें कई सालों तक एक महिला ही अध्यक्ष रही हैं।

कई वर्षों से लंबित है आरक्षण का प्रस्ताव

संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव कई सालों लंबित है। पहली बार यह मुद्दा 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था। तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। तभी से महिला आरक्षण बिल लंबित है।

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