Naraingarh News : महिलाओं पर बढ़ रही हिंसा की रोकथाम के लिए मजदूर संगठन सीटू ने किया प्रदर्शन

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Naraingarh News : महिलाओं पर बढ़ रही हिंसा की रोकथाम के लिए मजदूर संगठन सीटू ने किया प्रदर्शन
नारेबाजी करते हुए।

Naraingarh News | नारायणगढ़। महिलाओं पर बढ़ रही हिंसा की रोकथाम के लिए मजदूर संगठन सीटू के कार्यकर्ताओ ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीदार को सौंपा। जिसमें मांग की गई कि कलकत्ता के आरजी कर हस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप व बर्बर हत्या के दोषियों को तुरन्त गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए। चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए फौरन कानून व गाईड लाइन बनाई जाए।

सभी कार्यस्थलों पर यौन हिंसा व उत्पीड़न रोकथाम कानून को सख्ती से लागू किया जाए। इसके इलावा न्यायमूर्ति वर्मा कमीशन की रिपोर्ट को अक्षरश: लागू कर महिलाओ की सुरक्षा सुनिश्चित करने। अपराधियों को राजनीतिक सरक्षण देना बंद कर महिलाओं व बचियों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने की मांग की गई है।

प्रदर्शनकारियो का नेतृत्व सीटू कामकाजी महिला कमेटी की सदस्य कविता शर्मा, राज कुमारी, रजिंदर कोर व तरसेम रानी ने संयुक्त रूप से किया। कम्युनिटी हाल से एसडीएम कार्यलय तक प्रदर्शनकारी हाथों में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी मांगो की तख्तियां व झंडे लेकर केंद्र सरकार होश में आओ, महिलाओ की सुरक्षा के प्रबंध करो व कलकत्ता की महिला डॉक्टर को न्याय दो के नारे लगाते हुए पहुंचे।

पेंशनर्ज एसोसिएशन, एसकेएस व किसान यूनियन टिकैत के नेताओ ने भी प्रदर्शन में शामिल होकर एकजुटता प्रकट की।  इससे पहले कम्युनिटी हाल में सीटू जिला प्रधान बाबूराम की अध्यक्षता में हुई रोष सभा को सम्बोधित करते हुए जिला। सचिव का. सतीश सेठी ने कहा कि कलकत्ता के दर्दनाक हादसे के बाद बिहार में एक दलित युवती के साथ बलात्कार और हत्या की दुखदाई खबर आई है।

इसी प्रकार उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में हस्पताल में ही नर्स के साथ बलात्कार व रोहतक पीजीआई में जूनियर डॉक्टर के साथ यौन हिंसा तथा महाराष्ट्र के ठाणे में स्कूल बचियों के साथ यौन हिंसा की दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आई है। यह देशवासियों के लिए गम्भीर चिंता की बात है। का. सेठी ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकार्ड व्यूरो के आंकड़ों अनुसार साल 2021 में देश मे बलात्कार के 31677 मामले दर्ज हुए थे जोकि बताते है कि देश मे हर घण्टे में 4 बलात्कार हो रहे है। यह केवल पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों के आधार पर आंकड़े है।

इससे कंही ज्यादा मामले तो इज्जत के नाम पर दबा दिए जाते है जोकि दर्ज ही नही होते। इस कारण विकसित देशों तक ने भारत को महिलाओं के लिए असुरक्षित देश घोषित कर रखा है। यह हम सबके लिए शर्मनाक है।  सीटू नेताओ ने कहा कि महिलाओ की सुरक्षा पर जस्टिस वर्मा कमेटी की रिपोर्ट 2013 में आ गई थी। परंतु उसको पूरी तरह से आज तक लागू नही किया गया। पीड़ित महिलाओं व बचियों की सुरक्षा, पढ़ाई व रोजगार इत्यादि के पुख्ता प्रबंध करने की आयोग की जो मुख्य सिफारिश थी उसे लागू नही किया गया है।

जिसके चलते किसी पीड़ित को कोई सहायता नही मिल रही है। इसी प्रकार कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न सुरक्षा कमेटियों के सिर्फ बोर्ड टँगे है। अव्वल में तो कोई कमेटी ही नही है। यदि कंही कोई है भी तो उसकी कोई मीटिंग तक नही होती। यंहा तक कि वँहा काम करने वाली महिलाओं तक को पता नही होता कि शिकायत कैसे और किसे करनी है। इसी। प्रकार महिलाओ के उत्पीड़न की रोकथाम के लिए पहले से जो कानून है उनको भी सरकारें सख्ती से लागू नही कर रही है।

इसलिए सीटू केंद्र की मोदी सरकार से तुरन्त कड़ा कानून बनाने की मांग करता है। उक्त के इलावा प्रदर्शन को सीटू नेता रमेश नन्हेड़ा व कुलदीप चोहान, नगरपालिका कर्मचारी संघ से सागर व धर्मवीर, किसान नेता चमन गुज्जर, आशा वर्कर्स यूनियन से सुषमा व तृप्ता, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन से नाजरा, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन से निर्मल सिंह व रोहताश, ग्रामीण चोकीदार सभा से रमेश चंद व माम राज, पेंशनर्ज एसोसिएशन से राम नाथ धीमान व भारत भूषण सैनी, एसकेएस नेता सतनाम सिंह व सतपाल, वन मजदूर यूनियन से तारा चंद, डोर टू डोर सफाई कर्मचारी यूनियन से सतीश कुमार व संदीप सिंह इत्यादि ने सम्बोधित किया।

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