Himachal News : कृषि कानूनों पर मेरे विचार निजी : कंगना रनौत

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Himachal News : कृषि कानूनों पर मेरे विचार निजी : कंगना रनौत
Himachal News : कृषि कानूनों पर मेरे विचार निजी : कंगना रनौत

मंडी सांसद ने इसमें पार्टी के किसी भी तरह के प्रतिनिधित्व की बात नकारी

Himachal News (आज समाज), शिमला : कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने के बयान पर चौतरफा गिरी मंडी सांसद कंगना रनौत ने कहा है कि यह मेरे निजी विचार हैं। इससे पार्टी के प्रनिधित्व का कोई संबंध नहीं है। ज्ञात रहे कि गत दिवस कंगना रनौत के बयान के बाद उन्हें चौतरफा विरोध का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि विपक्ष को हमलावर होता देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने भी उनसे किनारा कर लिया था। बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में कंगना ने लिखा, ‘किसान कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और वे उन विधेयकों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।’

कंगना रनौत ने यह कहा था

मंगलवार को मंडी जिले में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कंगना ने कहा था कि तीन कृषि कानूनों का विरोध केवल कुछ राज्यों में हुआ है। उन्होंने कहा था कि किसान भारत की प्रगति में ताकत का स्तंभ हैं। केवल कुछ राज्यों में, उन्होंने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी। मैं हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा था कि देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है और कृषि कानूनों को बहाल करने से किसानों के लिए बेहतर वित्तीय स्थिरता और विकास सुनिश्चित होगा, जिससे अंतत: कृषि क्षेत्र को लाभ होगा।

कांग्रेस ने किया था विरोध

कंगना रनौत का बयान आने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने उनका जोरदार तरीके से विरोध किया था। राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना के ऐसे बयानों पर उन्हें आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत को सांसद चुनना दुर्भाग्यपूर्ण है तथा अब मंडी संसदीय क्षेत्र के लोग भी उन्हें चुनने के लिए पछता रहे हैं।

शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में नेगी ने कहा कि इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान तो अनपढ़ व्यक्ति भी नहीं देगा। उन्होंने कहा कि वह सांसद हैं। ऐसे में उन्हें बड़े सोच समझ कर अपनी बात रखनी चाहिए। लेकिन हमने जो सांसद चुना है, वह प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है तथा मंडी के लोग यह सोच कर पछता रहे हैं कि उन्होंने कैसे प्रतिनिधि को लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को भेजा है। उन्होंने कहा कि सांसद के बयान से हिमाचल के लोगों की गरिमा पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। हम मजाक के पात्र बन गए हैं तथा दूसरे प्रदेशों के लोग देख रहे हैं कि प्रदेश से कैसे सांसदन को भेजा है, जिसे समझ तक नहीं है।