नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद कहा कि सांप्रदायिकता के आधार पर किसी के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा। उन्होंने मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त किया कि नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटीजन यानी एनआरसी के तहत राज्य में किसी भी डिटेंशन कैंप को बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सोमवार को सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि सीएए के लागू होने के बाद मुसलमानों को इससे डरने की जरूरत नहीं है और राज्य सांप्रदायिक आधार पर किसी भी नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होने देगा। शिवसेना प्रमुख और महाराष्टÑ के मुख्यमंत्री ठाकरे ने साफ कहा कि राज्य में में हम किसी डिटेंशन कैंप की इजाजत नहीं देंगे। एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के तहत किसी से भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि महाराष्टÑ में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार है और एनसीपी-कांग्रेस ने एनआरसी और सीएए का विरोध किया है। जबकि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा यह तो साफ नहीं कहा कि महाराष्ट्र में एनआरसी लागू होगी या नहीं केवल यह अवश्य कहा कि महाराष्ट्र में कोई डिटेंशन कैंप नहीं लगने देंगे। ठाकरे एनआरसी पर बोल चुके हैं कि वह सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून और एनआरसी पर कई याचिकां विचाराधीन हैं। ठाकरे ने यहां सह्याद्री अतिथि गृह में मस्लिम समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध नहीं करने का आग्रह किया, क्योंकि सरकार ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों पर ध्यान दिया है।