नई दिल्ली। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया। जिस पर सदन में खूब शोर शराबा और हंगामा होता रहा। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी लगातार इस बिल को लेकर आक्रामक रहे। उन्होंने कहा कि यह बिल देश के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। जबकि गृहमंत्री ने कहा कि यह बिल .001 फीसदी भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। जबकि, दूसरी तरफ एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी जोरादार तरीके से बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष महोदय इस मुल्क को ऐसे बिल से बचाएं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम इसी देश का हिस्सा है। उन्होंने गृहमंत्री के लिए कुछ टिप्पणी करी जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि वे ऐसे असंसदीय भाषा का सदन में इस्तेमाल न करें। जबकि, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वे इस बिल का विरोध करते रहेंगे। अमित शाह ने कहा कि इससे समानता का अधिकार आहत नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अधीर रंजन के गुस्से का कारण मैं समझ रहा हूं।