नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दशकों से चले अयोध्या मामले में निर्णय दिया था। अपने निर्णय में कोर्ट ने विवादित भूमि हिंदू पक्षकारों को दी थी और मुस्लिमपक्षकारों को मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या में ही कहीं अन्य स्थान पर देने निर्णय दिया था। इस निर्णय को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा है कि उन्हें निर्णय मान्य है और वह इसके लिए पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेंगे जबकि आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय में निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। बोर्ड के सचिव और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने से बोर्ड पर कोई विपरीत कानूनी प्रभाव नहीं पड़ेगा। पुनर्विचार याचिका के संबंध में उन्होंने कहा कि मुस्लिम संगठन पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर एक राय रखते हैं। जबकि बता दें कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को पुनर्विचार याचिका न डालने का फैसला लिया। बैठक में बोर्ड के सात में से छह सदस्यों ने याचिका न दाखिल करने पर सहमति जताई जबकि सिर्फ एक सदस्य अब्दुल रज्जाक खान चाहते थे कि पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह पुनर्विचार याचिका नहीं दाखिल करेंगे। हर किसी के अपने विचार होते हैं। हम उनके फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। जिलानी ने कहा कि मुस्लिम समाज आज भी पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ है। जो भी पुनर्विचार याचिका का विरोध कर रहे हैं वो किसी एक शहर में जाकर मुसलमानों का जलसा बुलाएं और उनकी राय जानें।
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