Muslim countries did not give support to Pak, instructed to started informal talks with India: मुस्लिम देशों ने भी नहीं दिया पाक का साथ, भारत से अनौपचारिक बातचीत की दी नसीहत

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इस्लामाबाद, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर से केंद्र सरकार द्वारा आर्टिकल-370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंध सीमित कर दिए थे। इसके बाद से ही लगातार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान गाहे बगाहे परमाणु युद्ध की धमकी भारत को देते रहे हैं। अपने भाषणों में पीओके में आम लोगों को उकसा रहे हैं। अब भारत-पाक संबंधों पर मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान को नसीहत दी है कि वह भारत के साथ अनौपचारिक बातचीत का प्रयास करे। उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान से यह अनुरोध भी किया है कि कश्मीर मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच जारी तनाव कम करने के लिए पीएम मोदी पर हमले कम करें। एक मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई है।

भाषा ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के हवाले से बताया है कि तीन सितंबर को सऊदी अरब के उप विदेश मंत्री आदिल अल जुबैर और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन अल नाहयान इस्लामाबाद दौरे पर अपने नेतृत्व और कुछ अन्य शक्तिशाली देशों की ओर से संदेश लेकर आए थे। उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि वह भारत के साथ अनौपचारिक बातचीत करे। यह एक दिवसीय यात्रा थी। इस दौरान उन्होंने पीएम इमरान खान, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की। एक्सप्रेस ट्रिब्यून के एक अधिकारी ने बताया, ‘बातचीत बेहद गोपनीय थी और विदेश मंत्रालय के केवल शीर्ष अधिकारी ही इस बैठक में थे। रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब और यूएई के राजनयिकों ने यह इच्छा जताई है कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने के लिए वे भूमिका निभाना चाहते हैं। इनमें से एक प्रस्ताव दोनों देशों के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत का भी था। मध्यस्थों ने पाक पीएम इमरान खान से अनुरोध किया गया कि वह अपने भारतीय समकक्ष मोदी के खिलाफ जुबानी हमले कम करें।

बता दें कि पाकिस्तान की ओर से उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है। वह भारत के साथ पारंपरिक कूटनीति तभी करेगा जब नयी दिल्ली कुछ शर्तों पर राजी हो जाए। अखबार के मुताबिक, इन शर्तों में कश्मीर से कर्फ्यू तथा अन्य पाबंदियां हटाना शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हालात को सामान्य करने की खातिर भारत के साथ पर्दे के पीछे से कोई कूटनीतिक बातचीत नहीं की जा रही है। खान 19 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब जाएंगे, इस दौरान भी कश्मीर मुद्दा हावी रह सकता है।