Aaj Samaj (आज समाज),Municipal Corporation Yamunanagar ,प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर : एक बार फिर से बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी। मानसून सीजन से पहले नगर निगम ने नालों की सफाई का टेंडर लगभग एक करोड रुपए दिया हुआ है लेकिन मानसून शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक ठेकेदार की ओर से नालों की सफाई का काम अभी तक अधूरा पड़ा है नालों की सफाई ना होने से शहर वासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 2 दिन से रुक रक कर हो रही बारिश से शहर की कई पॉश कॉलोनियों में भी पानी भर गया। आलम यह रहा कि 2 दिन से रुक रुक कर हो रही बारिश से गलियां तलाब नजर आने लगी। सबसे बुरा हाल निचली कॉलोनियों में दिखाई दिया। जहां सीवरेज ओवरफ्लो हो गए और घरों में वापस पानी पहुंचने लगा। कई कॉलोनियां ऐसी रही जहां तीन फीट से भी ज्यादा पानी भर गया। बरसात के यमुना नदी का जलस्तर भी एक लाख क्यूसेक से अधिक पर जा रहा है।
2 दिन से हो रही बारिश से लोगों को राहत तो मिली, लेकिन जलभराव के कारण परेशानी भी उठानी पड़ी। बारिश ने प्रशासनिक दावों की पोल खोल कर रख दी। रविवार को भारी बारिश में ऐसी कोई कॉलोनी नहीं बची जहां पानी न भरा हों।
बारिश से शहर की अधिकतर कॉलोनियों में पानी भर गया, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी शहर की लाजपत नगर, विजय कॉलोनी, कांसापुर, सब्जी मंडी, गांधीनगर, चांदपुर, शिवनगर, वीनानगर, लक्ष्मी गार्डन, शिवपुरी, ससौली, कांसापुर रोड, बैंक कॉलोनी, गुरुतेग बहादुर कॉलोनी, पुराना हमीदा, आनंद कॉलोनी, खड्ढ़ा कॉलोनी, आत्मापुरी, दशमेश कॉलोनी, पुरानी सब्जी मंडी, गोल्डनपुरी, आजाद नगर की सभी गलियां, शांतिपुरी, प्रह्लादपुरी, पतालपुरी जगाधरी की छोटी लाइन, रेलवे रोड जगाधरी, दुर्गा गार्डन, सिविल लाइन, राजा रानी तलाब, जड़ोदा गेट, गौरी शंकर बंद सहित शहर की तमाम कॉलोनियों में पानी भर गया। पानी उतरने के बाद लोग पूरा दिन घर की सफाई में लगे रहे।
शहर की कॉलोनियों के अलावा मुख्य सड़कों पर भी जलभराव की समस्या हुई। वर्कशॉप रोड, भगत सिंह चौक, खालसा कॉलेज रोड, मॉडल टाउन, गोबिंदपुरी रोड, जगाधरी बस स्टैंड रोड पर जलभराव हुआ। हाईवे स्थित सबसे व्यस्त महाराणा प्रताप चौक पर पानी भरने के कारण यहां से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया। सबसे ज्यादा परेशानी दोपहिया चालकों को हुई। सड़कों पर एक से दो फीट तक पानी भर गया। अधिक पानी के कारण अधिकांश वाहन बीच में ही बंद हो गए।
भारी बारिश के कारण शहर के सभी सीवरेज ओवरफ्लो हो गए। ओवरफ्लो होने से सीवरेज का पानी घरों में वापस पहुंचने लगा। सीवरेज बैक मारने से घरों में पानी भर गया। जिसके कारण घरों में गंदगी और बदबू फैल गई। बारिश थमने के बाद पानी उतरने में कई घंटे लग गए, वहीं घरों की सफाई में लोगों को पूरा दिन जूझना पड़ा।
हर साल मानसून सीजन में नगर निगम की ओर से लाखों रुपए की सफाई के दावे किए जाते हैं लेकिन सफाई व्यवस्था धरातल पर नजर नहीं आती। बता दें कि इस बार मानसून से पहले नालों की सफाई का टेंडर नगर निगम ने लगभग एक करोड रुपए का दिया हुआ है। उसके बावजूद निगम की हर एक कॉलोनी में पानी ही पानी भरा हुआ है। लोगों का कहना है कि हर साल निगम की ओर से सफाई का लाखों का टेंडर दिया जाता है उसके बावजूद शहर में जलभराव की समस्या रहती है। अधिकारियों को कई बार नालों की सफाई की शिकायत देने पर भी कार्रवाई सफाई नहीं होती। शहरवासियों का कहना है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
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