नगर निगम आयुक्त ने जुण्डला स्थित शराब फैक्ट्री में फायर फाईटिंग सिस्टम का किया निरीक्षण

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Municipal commissioner inspected fire fighting system in Jundla liquor factory
Municipal commissioner inspected fire fighting system in Jundla liquor factory

प्रवीण वालिया, करनाल : नगर निगम आयुक्त अजय सिंह तोमर ने बुधवार को जिला के जुण्डला स्थित हरियाणा लीकर प्राईवेट लिमिटेड शराब कारखाने में फायर फाईटिंग सिस्टम का निरीक्षण किया। वास्तव में कम्पनी की ओर से नगर निगम को सिस्टम रिन्यूअल के लिए एन.ओ.सी. के लिए आवेदन किया गया है। इसे लेकर निगमायुक्त ने विजिट में निर्धारित चैकलिस्ट के अनुसार जो-जो जरूरी दस्तावेज होने चाहिएं, उन्हें चैक करने के साथ-साथ सिस्टम में लगे उपकरणों का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त ने पब्लिक एड्रेस सिस्टम तथा आग बुझाने के लिए पानी की जो व्यवस्था की गई थी, वह ठीक हालत में है या नही, यह देखने के लिए पानी को चलवाकर देखा। निरीक्षण के बाद निगमायुक्त ने बताया कि एनओसी के लिए आवेदन के साथ जो दस्तावेज दिए गए हैं, उन्हें नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के अनुसार चैक किया जाएगा और फिर अप्रूवल देकर एनओसी प्रदान की जाएगी।

ऐसे भवन बनाने से पहले सम्बंधित भू-स्वामी को ऑनलाईन आवेदन करना पड़ता है

एनओसी प्राप्त करने के लिए यह है प्रक्रिया- निगमायुक्त ने बताया कि कोई भी प्रतिष्ठान पहली बार एनओसी के लिए आवेदन करते हैं, तो उनके नक्शे पास होने चाहिएं। साढे 16 मीटर से ऊंचे आवासीय व व्यवसायिक भवनों में सरकार की ओर से अग्निशमन उपकरणों के होने की अनिवार्यता की गई है। ऐसे भवन बनाने से पहले सम्बंधित भू-स्वामी को ऑनलाईन आवेदन करना पड़ता है, जिसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, फायर कंसल्टेंट सर्टिफिकेट, बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति/बी.आर.-3, अग्नि प्रश्र माला के तीन सेट (मालिक, आर्किटैक्ट व फायर कंसल्टेंट से हस्ताक्षर युक्त), नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार चैकलिस्ट, बेसमेंट में धुआं/वैंटीलेशन सहित बिल्डिंग प्लान के तीन सेट (मालिक, आर्किटैक्ट व फायर कंसल्टेंट से हस्ताक्षर युक्त) तथा कर्मचारी या नियुक्त व्यक्ति का अधिकृत पत्र आईडी प्रूफ के साथ जरूरी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से वर्ष 2018 से ऐसे आवेदन ऑनलाईन किए गए हैं,

जो saralharyana.gov.in तथा online.ulbharyana.gov.in पर कर सकते हैं। इसके अलावा एक फाईल पूर्ण दस्तावेजों सहित तैयार करके दमकल केन्द्र कार्यालय सैक्टर-4 में भी देनी होगी। एनओसी रिन्यूअल के लिए 30 दिन और फायर फाईटिंग स्कीम अप्रूव करने के लिए 60 दिन की अवधि है, लेकिन इसमें कोई फीस नहीं ली जाती।

उन्होंने कम्पनी की मैनेजमेंट को निर्देश दिए कि मॉकड्रिल नियमित करवाते रहें। आग किसी से पूछ कर नहीं लगती, मौका देखती है। शराब फैक्ट्री जैसी संवेदनशील जगहों पर तो आग लगने की सूरत में भयंकर हादसा हो सकता है। फायर फाईटिंग सिस्टम को दुरूस्त रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय-समय पर सिस्टम को चैक किया जाएगा, खामियां मिली तो एनओसी रद्द हो सकती है।निगमायुक्त की विजिट में जिला अग्निशमन अधिकारी राजीव भारद्वाज तथा उप अग्निशमन अधिकारी रणदीप सिंह भी मौजूद थे।

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