ये हैं एकनाथ शिंदे: कभी चलाते थे आटो, आज सत्ता स्टेयरिंग हाथ में

0
1166

आज समाज डिजिटल, Mumbai News:
एकनाथ शिंदे, आज राजनीति में सबसे चर्चित चेहरा। बीते 4 दिन में महाराष्ट्र की सियासत में जो तूफान शिंदे ने खड़ा किया वह आज तक नहीं हुआ। इसके साथ ही शिवसेना जैसे संगठन में आज तक इससे बड़ी बगावत की कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी। एकनाथ शिंदे ही एकमात्र पहला वह चेहरा है जिसने ठाकरे परिवार को चुनौती दी हो।

18 साल में सियासी जीवन हो गया शुरू

एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को हुआ था। सतारा उनका गृहजिला है। पढ़ाई के लिए ठाणे आए। 11वीं तक की पढ़ाई यहीं रहकर की। बाद में वागले एस्टेट इलाके में रहकर आॅटो रिक्शा चलाने लगे। इसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई। इनसे मिलने के बाद 18 साल की उम्र में ही राजनीतिक जीवन शुरू हो गया। शिंदे एक आम शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगे।

1997 में पहली 2022 में दूसरी बार बने पार्षद

करीब डेढ़ दशक तक शिवसेना कार्यकर्ता के रूप में काम करने के बाद 1997 में शिंदे ने चुनावी राजनीति में कदम रखा। 1997 के ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने शिंदे को पार्षद का टिकट दिया। शिंदे अपने पहले ही चुनाव में जीतने में सफल रहे। 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता बने। इसके बाद दोबारा साल 2002 में दूसरी बार निगम पार्षद बने।

राजनीतिक गुरु का निधन और बढ़ता गया कद

Eknath Shinde
Eknath Shinde

शिंदे का कद साल 2001 के बाद बढ़ना शुरू हो गया। जब उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे का निधन हो गया। इसके बाद ठाणे की राजनीति में शिंदे की पकड़ मजबूत होने लगी। 2005 में नारायण राणे के पार्टी छोड़ने के बाद शिंदे का कद शिवसेना में बढ़ता ही चला गया। जब राज ठाकरे ने पार्टी छोड़ी तो शिंदे ठाकरे परिवार के करीब आ गए।

पहली बार 2004 में बन गए विधायक

2004 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने शिंदे को ठाणे विधानसभा सीट से टिकट दिया। यहां भी शिंदे को जीत मिली। उन्होंने कांग्रेस के मनोज शिंदे को 37 हजार से अधिक वोट से मात दी। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में शिंदे ठाणे जिले की कोपरी पछपाखडी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे। देवेंद्र फडणवीस सराकर में शिंदे राज्य के लोक निर्माण मंत्री रहे।

जब लगे गए भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर

Eknath Shinde
Eknath Shinde

2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिंदे मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे थे। चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में खुद आदित्य ठाकरे ने शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा और वह शिवसेना विधायक दल के नेता चुने गए। इसके बाद तो उनके समर्थकों ने तो ठाणे में भावी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पोस्टर तक लगा दिए थे।

उद्धव ठाकरे के सामने पिछड़ने लगे थे शिंदे

कांग्रेस और एनसीपी के दबाव में उद्धव ठाकरे का नाम आगे आया। इसके बाद शिंदे बैकफुट पर आ गए। उद्धव सरकार में शिंदे राज्य के शहरी विकास मंत्री होने के साथ ठाणे जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। कहा जाता है कि शिंदे कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन से खुश नहीं थे। इसके बाद उनके और उद्धव ठाकरे के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। फरवरी 2022 में एकनाथ शिंदे के जन्मदिन पर भी उनके समर्थकों ने भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए थे।

एक हादसे में दो गए दोनों बच्चे

बात उस वक्त की है जब शिंदे पार्षद थे। इस दौरान उनका परिवार सतारा गया था। यहां एक हादसे में उन्होंने अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा को खो दिया था। बोटिंग करते हुए एक्सीडेंट हुआ और शिंदे के दोनों बच्चे उनकी आंखो के सामने डूब गए थे। उस वक्त शिंदे के दूसरे बेटे श्रीकांत सिर्फ 13 साल के थे। श्रीकांत इस वक्त कल्याण लोकसभा सीट से शिवसेना सांसद हैं। इस घटना के बाद शिंदे काफी टूट गए थे। उन्होंने राजनीति तक से किनारा कर लिया था।

11 करोड़ की संपत्ति, चल रहे 18 केस

2019 के विधानसभा चुनाव में एकनाथ शिंदे ने जो हलफनामा दिया था उसके अनुसार उनके ऊपर कुल 18 आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें आग या विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाने, गैरकानून तरीके से इकट्ठा हुई भीड़ का हिस्सा होना, सरकारी कर्मचारी के आदेशों की अवहेलना करने जैसे आरोप हैं। इस हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल 11 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 2.10 करोड़ से ज्यादा की चल और 9.45 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति घोषित की गई थी।

6 कारों और एक टेंपो के मालिक

चुनावी हलफनामे के मुताबिक शिंदे के पास कुल छह कारें हैं। इनमें से तीन शिंदे के नाम और तीन उनकी पत्नी के नाम पर हैं। शिंदे की पत्नी के नाम पर एक टैम्पो भी है। शिंदे की छह कार के जखीरे में दो इनोवा, दो स्कॉर्पियो, एक बोलेरो और एक महिंद्र अर्मडा है। शिंदे के पास एक पिस्टल और एक रिवॉल्वर भी है। चुनावी हलफनामे में शिंदे ने खुद को कॉन्ट्रैक्टर और बिजनेसमैन बताया है। उनकी पत्नी भी कंस्ट्रक्शन का काम करती हैं। शिंदे ने विधायक के तौर पर मिलने वाली सैलरी, घरों से आने वाले किराये और इंटरेस्ट से होने वाली कमाई को अपनी आय का स्त्रोत बताया है।

ये भी पढ़ें : खुल गया प्रगति मैदान सुरंग, पीएम मोदी ने किया टनल और अंडरपास का उद्घाटन