नई दिल्ली। मुंबई में हुए आतंकवादी हमले को लेकर जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब के संबंध में मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने कई रहस्योद्धाटन किए हैं। उन्होंने खुलासे में कहा कि कसाब को हिंदू आतंकवाद के रूप में पेश करने की साजिश रची गई थी। यही नहीं उसके पास ऐसे हिंदुस्तान के पत्ते से जाली पहचान पत्र दिए गए थे। यहां तक कि उसे हिंदू साबित करने के लिए उसके हाथ पर मौली बांधी गई थी। बता दें कि हिंदू अपने किसी भी पूजा पाठ के समय हाथ में लाल रंग का धागा जिसे मौली या कलावा कहते हैं बांधते हैं। कसाब को उसकी बहन की शादी के लिए सवा लाख रुपए भी दिए गए थे। यह सभी खुलासे मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने किए हैं। उन्होंने अपनी किताब में दावा किया है कि आतंकी अजमल कसाब को हमले से पहले 1.25 लाख रुपये दिए गए थे, ताकि उससे वह अपनी बहन की शादी कर सके। साथ ही उसे पाकिस्तान में यह बताया गया था कि भारत में मुस्लिमों को नमाज करने की इजाजत नहीं है, जिसे बाद में देख वह हैरान हो गया था।
पुलिस अधिकारी राकेश मारिया ने अपने किताब के जरिये दावा किया है कि कसाब शुरू में आतंकी गतिविधियों को लेकर लश्कर-ए-तैयब्बा में शामिल नहीं हुआ था। आतंकी कसाब लूटपाट के लिए लश्कर में शामिल हुआ था और उसका जिहाद से कोई लेना-देना नहीं था। हालांकि ऐसी शिक्षा दी गयी थी, ताकि कसाब को विश्वास हो कि भारत में मुसलमानों को नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है। मारिया ने पुस्तक में जिक्र किया कि जब कसाब को मेट्रो सिनेमा के पास एक मस्जिद की यात्रा करायी गई तो वह चौंक गया। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि भारत में मुसलमान नमाज पढ़ते हैं, क्योंकि उसे इसके विपरीत बताया गया था।