आज समाज डिजिटल, अम्बाला
Multilingual : बादशाह अकबर विभिन्न प्रांतों में भाषाई विविधता को देखते हुए दरबार में एक बहुभाषिक की आवश्यकता महसूस किया करते थे. वे चाहते थे कि उनके दरबार में एक बहुभाषिक हो, जिसकी मदद से वे अपनी प्रजा से वार्तालाप कर सकें। उन्होंने अपने मंत्रियों को ऐसा बहुभाषिक ढूंढने का आदेश दिया, जिसकी विभिन्न भाषाओं पर अच्छी पकड़ हो. मंत्रियों ने सैनिकों की मदद से अकबर का आदेश राज्य के हर कोने में प्रसारित करवाया।
जहाँपनाह! मैं कई भाषाओँ को जानता हूँ Multilingual
कुछ दिनों बाद एक आदमी अकबर के दरबार में उपस्थित हुआ। अकबर को बोला कि जहाँपनाह! मैं कई भाषाओँ को जानता हूँ। आप मुझे बहुभाषिक के पद पर नियुक्त कर लीजिये। अकबर ने उसकी परीक्षा लेने के लिए दरबारियों को उससे अपनी-अपनी भाषाओं में बात करने के लिए कहा। एक के बाद एक कर दरबारी अपनी भाषा में उस बहुभाषी से प्रश्न करने लगे। बहुभाषी ने सभी को उनकी ही भाषा में उत्तर दे दिया। भाषा पर उसकी पकड़ देखकर अकबर बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने उसे दरबार में बहुभाषी नियुक्त करने का निर्णय कर लिया और उससे बोले कि तुम्हारे भाषा ज्ञान से हम बहुत प्रभावित है। हर भाषा में तुम इतने धाराप्रवाह हो कि लगता है, अपनी ही भाषा बोल रहे हो। हम तुम्हें दरबार का बहुभाषी नियुक्त करते हैं, लेकिन हम ये भी जानने को उत्सुक हैं कि तुम्हारी मातृभाषा क्या है?”
Read Also : नवरात्रि स्पेशल : माता की चौकी और मंदिर सजाने टिप्स Temple Decorating Tips
किसी का भी अनुमान सही नहीं निकला Multilingual
इस पर बहुभाषी बोला कि जहाँपनाह! मैंने सुना है कि आपके दरबार में बहुत बुद्धिमान मंत्रिगण हैं. क्या उनमें से कोई बता सकता है कि मेरी मातृभाषा क्या है?” दरबारियों ने अपने अनुमान के आधार पर बहुभाषी की भाषा बताने का प्रयास किया, लेकिन किसी का भी अनुमान सही नहीं निकला। यह देख बहुभाषी हँस पड़ा और बोला कि जहाँपनाह! लगता है मैंने गलत सुना है, यहाँ तो कोई भी बुद्धिमान दिखाई नहीं पड़ता”, इस बात पर अकबर को बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई. उन्होंने बीरबल की ओर देखा, जिसने अब तक बहुभाषी की भाषा बताने का प्रयास नहीं किया था।
Read Also : मनोकामनाओं के लिए माँ कालरात्रि पूजा के नियम Rules Of Maa Kalratri Puja
बीरबल अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ Multilingual
अकबर को अपनी ओर देखता पाकर बीरबल अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ और बोला कि जहाँपनाह! मैं कल बता दूंगा कि इस बहुभाषी की भाषा क्या है। उस रात बहुभाषी को शाही अतिथिगृह में ठहराया गय। अगले दिन वह अकबर के दरबार में फिर से उपस्थित हुआ, अकबर से बीरबल से पूछा, कि हाँ बताओ बीरबल! क्या है इनकी मातृभाषा?” इस पर बीरबल बोला कि हुजूर, इनकी मातृभाषा बांग्ला है। आप इनसे पूछ लीजिय। अकबर ने बहुभाषी से पूछा तो उसके हामी भर दी। अकबर हैरान थे कि बीरबल ने उसकी मातृभाषा को कैसे पहचान लिया।
नवरात्रि पर्व : सातवें दिन होती है माँ कालरात्रि पूजा Maa Kalratri Puja
मैं समझ गया कि इनकी भाषा बांग्ला है Multilingual
पूछे जाने पर बीरबल ने बताया कि महाराज! कल रात मैंने शाही अतिथि गृह के बाहर अपना एक सेवक भेजा. वह सेवक वहाँ जोर-जोर से चिल्लाने लग। उस समय ये महाशय सो रहे थे। चीखने की आवाज़ सुनकर इनकी नींद खुल गई और बाहर आकर ये गुस्से में चिल्लाने लगा उस समय ये जो भाषा बोल रहा था, वह बांग्ला थी. मैं पास ही के कक्ष में छुपकर सब सुन रहा था. मैं समझ गया कि इनकी भाषा बांग्ला है क्योंकि व्यक्ति कितनी ही भाषों का ज्ञाता क्यों ना हो. जब गुस्से में होता है या मुसीबत में पड़ जाता है तो अपनी ही भाषा में चिल्लाता है।
बहुभाषिये ने बीरबल की बुद्धिमत्ता का लोहा मान लिया। अकबर शर्मिंदगी से बच गए।
Navratri Fasting 2022
Read Also : चैत्र नवरात्रि : अलग-अलग प्रसाद से होती है मां प्रसन्न Maa Durga Happy
Read Also : नवरात्रि : दुर्गा सप्तशती पाठ करने के नियम Durga Saptashati
Read Also : हिंदू नववर्ष के राजा होंगे शनि देव
Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ