प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर:
डीसी राहुल हुड्डा ने जिला के किसानों का आह्वान किया कि वे मल्टीलेयर खेती पद्घति को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ाएं। इस पद्घति में खेती की लागत और पानी की खपत में कमी होती है और मुनाफा कई गुना बढ़ जाता है।
एक साथ हो सकते हैं 5 उत्पादन
मल्टीलेयर खेती पद्घति में किसान एक खेत में एक समय में 5 अलग-अलग तरह की फल-सब्जियों का उत्पादन कर सकता है। डीसी राहुल हुड्डा ने कहा कि खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाने के लिए किसानों को मल्टीलेयर खेती पद्घति को अपनाना होगा। इस पद्घति से किसान कम समय में ज्यादा पैदावार से अधिक धन कमा सकता है। इस खेती पद्घति के तहत एक खेत को 5 भागों में विभाजित करके इस पर पांच लेयर की खेती की जा सकती है। खेत के चारों तरफ चकोर मेड पर फलदार पेड़ लगाकर उनसे 10 फुट की दूरी पर उनसे छोटे पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा बीच-बीच में भी धनिया व पालक उगाकर उस स्थान का उपयोग किया जा सकता है।
97 प्रतिशत तक बचता है पानी
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जमीन के नीचे अदरक, हल्दी व अन्य फसल का उत्पादन लिया जा सकता है, जो तीन से चार महीने बाद जमीन से ऊपर आती हैं, जब तक धनिया व पालक की फसल तैयार होकर बिक्री के लिए चली जाती है। इस पद्घति से केवल तीन प्रतिशत पानी की खपत होती है, बाकी 97 प्रतिशत पानी बच जाता है। इसके अलावा बारिश के दिनों में खेत का पानी खेत में ही रखने के लिए यह तकनीक रामबाण है।
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