प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
जिले में पिछले 75 वर्षो से सेठ मुकंदलाल परिवार की 3 पीढ़ियां शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना योगदान देती आ रही है। जिले में शिक्षा को घर घर तक पहुंचाने का सफर सेठ मुकंदलाल ने शुरू किया था। उसके बाद उनके बेटे सेठ जयप्रकाश और अब उनके पोते सेठ अशोक कुमार पिछले 50 वर्षो से शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुकंदलाल संस्था के माध्यम से अपना योगदान देते आ रहे है। 75 वर्ष पहले सेठ मुकंदलाल द्वारा शिक्षा को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य शुरू किया गया था। अब मुकंदलाल संस्था के रादौर, यमुनानगर व गाजियाबाद में कूल 29 शिक्षण संस्थान लाखों बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे है।
गांधी जी को रादौर में दान की थी अपनी कोठी
सेठ मुकंदलाल महात्मा गांधी जी के परम भक्त थे। 1937 में सेठ मुकंदलाल ने रादौर में अपनी कोठी बनाई थी। जिसके बाद उन्होंने 1945 में अपनी कोठी व लगभग सवा 15 एकड़ भूमि गांधी जी को दान कर दी थी। जिसके बाद रादौर में उपरोक्त कोठी में महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के नाम पर आश्रम खोला गया। जो आज भी चल रहा है। जिसमें महिलाओं को अनेक प्रकार का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया जा रहा है। वहीं रादौर निवासी सेठ मुकंदलाल ने देश की आजादी से पहले क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने को लेकर मेन बाजार में स्वराज देवी जयप्रकाश (जनाना अस्पताल) बनवाया था। जिसे बाद में सरकार को समर्पित किया गया। बाद में अस्पताल की हालत खस्ता होने पर मुकंदलाल संस्था ने उपरोक्त अस्पताल की देखरेख का कार्य अपने हाथों में लिया है। आज भी इस अस्पताल में लोगों का इलाज किया जा रहा है। 1946 में सेठ मुकंदलाल ने अब्दुलापुर (अब यमुनानगर) में मुकंदलाल हाई स्कूल की स्थापना की। इसके अलावा 1946 में ही उनके द्वारा यमुनानगर में जमना टॉकीज (सिनेमा घर) बनाया। सिनेमा घर से होने वाली आय से सेठ मुकंदलाल ने शिक्षण संस्थाओं को चलाने का कार्य किया गया। उस समय 1946 में तत्कालीन महापंजाब के मुख्यमंत्री गोपीचंद भार्गव ने एक ही दिन में मुकंदलाल हाई स्कूल यमुनानगर, जमना टाकीज व रादौर के अस्पताल का उद्घाटन किया था। सेठ मुकंदलाल की ओर से यमुनानगर में मुकंदलाल सिविल अस्पताल की स्थापना की गई। जिसे बाद में सरकार को सौंप दिया गया था। 1952 में सेठ मुकंदलाल का निधन हो गया।
सेठ जयप्रकाश ने बनवाया मुकंदलाल कालेज यमुनानगर
सेठ मुकंदलाल की मृत्यु के बाद उनके बेटे सेठ जयप्रकाश ने बागडोर संभाली। 1952 में सेठ जयप्रकाश ने रादौर में मुकंदलाल हाई स्कूल की स्थापना की। वहीं 1952 में ही मुकंदलाल हाई स्कूल यमुनानगर की भी स्थापना की गई। 1955 में उनके द्वारा मुकंदलाल नेशनल कॉलेज यमुनानगर की स्थापना की। 1971 में उनकी मृत्यु हो गई।
सेठ अशोक कुमार ने स्थापित किया जेएमआईटी इंजीनियरिंग कालेज
सेठ जयप्रकाश की मृत्यु के बाद उनके बेटे सेठ अशोक कुमार ने 1 जुलाई 1971 को बागडोर संभाली। उनके द्वारा रादौर में 1971 में ही मुकंदलाल कॉलेज की स्थापना की गई। उन्होंने दामला में पालिटेक्निक बनवाया। लगभग 25 वर्ष पहले 1996 में सेठ अशोक कुमार ने जेएमआईटी इंजीनियरिंग कालेज रादौर की स्थापना की। वहीं संस्था के दूसरे इंजीनियरिंग कालेज जेएमआईईटीआई की स्थापना रादौर में की गई। वहीं 47 वर्ष पहले रादौर में उन्होंने स्वराज शिशु निकेतन स्कूल, स्वराज पब्लिक स्कूल, स्वराज पब्लिक स्कूल दामला, मुकंदलाल पब्लिक स्कूल यमुनानगर की भी स्थापना की थी।
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