नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के चार दोषियों में से एक दोषी मुकेश कुमार सिंह की फांसी तय हो चुकी है। उसकी अब सभी याचिकाएं खारिज हो गई हैं। उसने अपने सभी कानूनी अधिकारों का प्रयोग कर लिया है। अब मुकेश का फांसी चढ़ना तय हो गया है। मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी थी जिसके बाद मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रपति के समक्ष सभी दस्तावेज नहीं रखे गए थे। कोर्ट ने कहा कि इस केस में कोर्ट का दखल जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष सारे दस्तावेज रखे गए और उन्होंने सब देखकर ही फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले पर कहा कि जेल में कथित पीड़ा का सामना करने को राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के खिलाफ आधार नहीं बनाया जा सकता। उच्चतम न्यायाल ने कहा कि दया याचिका के शीघ्र निपटारे का मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रपति ने सोच-समझकर फैसला नहीं किया। बता दें कि निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ इस दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। मंगलवार को न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने इस याचिका पर मुकेश कुमार सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद कहा था कि इस पर निर्णय बुधवार को सुनाया जायेगा। केन्द्र ने मुकेश कुमार सिंह की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुए पीठ से कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले के साथ जेल में दुर्व्यवहार दया का आधार नहीं हो सकता है।