आज समाज डिजिटल, शिमला (Mukesh Agnihotri View On outsourced employees in Jal Shakti Department) : हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को जलशक्ति विभाग में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में आउटसोर्स पर हुई भर्तियों को लेकर शोरगुल हुआ। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जलशक्ति विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने समय में जलशक्ति विभाग में शुद्ध राजनीति की।
अग्निहोत्री ने कहा कि अकेले सराज और धर्मपुर से ही जलशक्ति विभाग में अधिकांश भर्तियां कर दी गई। इस बात का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि धर्मपुर से जहां 950 भर्तियां हुई, सराज से 450 लोग आउटसोर्स पर रखे गए। यही नहीं, प्रदेश स्तर पर आउटसोर्स पर भर्तियां करने के लिए विभाग के अधिशासी अभियंता ने सरकाघाट से ही टेंडर कर दिया, जबकि यह टेंडर प्रदेश मुख्यालय स्तर से होना चाहिए था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि भर्तियों में अपने चहेतों को रखा जा सके।
अग्निहोत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ने विभाग में आउटसोर्स में रखे गए किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला है। उन्होंने यह कहा कि जो पेयजल अथवा सिंचाई योजनाएं बिना कर्मचारियों के है, उन्हें सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कीम वाइज टेंडर कर दिए गए हैं और इन्हें चलाने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि केवल वे कर्मचारी विभाग से बाहर गए हैं, जिनका कांट्रेक्ट खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि जलशक्ति विभाग में सरकार 5 हजार भर्तियां करने जा रही है और इन भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।
इससे पूर्व, विधायक प्रकाश राणा, रणधीर शर्मा और विपिन सिंह परमार के मूल प्रश्न के उत्तर में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जलशक्ति में रखे गए आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाना सरकार का नीतिगत मामला है। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर 2022 से 21 फरवरी 2023 तक 559 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाया गया तथा किसी को भी भर्ती नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलशक्ति विभाग में जलशक्ति विभाग में आउटसोर्स पर 130 पंप आपरेटर, 32 पैरा फीटर और 85 चौकीदारों के पद पर कर्मचारियों को मिलाकर कुल 247 कर्मचारी कार्यरत हैं।
भाजपा सदस्य हंस राज के रज्जू मार्ग को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत भनौड़ी से पांगी-किलाड़ रज्जू मार्ग परियोजना के लिए केंद्र सरकार को 1618 करोड़ रुपए की डीपीआर भेजी गई है।
उन्होंने कहा कि परियोजना की डीपीआर तैयार करने पर 3.40 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार चिंतपूर्णी और बाबा बालकनाथ के लिए भी नाबार्ड से फंडिंग का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रज्जू मार्ग जैसे बड़े प्रोजेक्ट केंद्र सरकार और विदेशी फंडिंग से ही सिरे चढ़ सकते हैं।
विधायक राजेश धर्माणी, दलीप ठाकुर, रवि ठाकुर, रीना कश्यप, इंद्रदत्त लखनपाल और दीपराज ने भी अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित सवाल पूछे।
70008 बागवानों को दिया गया उपदान : नेगी
कांग्रेस सदस्य कुलदीप सिंह राठौर के सवाल के जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि बीते तीन वर्ष के दौरान बागवानी विभाग द्वारा 70008 बागवानों को उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान 40623 बागवानों को 176.70 करोड़ रुपए की अनुदान राशि जारी कर दी गई है। इसके अलावा 29385 बागवानों को प्रकरण 145.42 करोड़ रुपए के अनुदान के लिए लंबित है। उन्होंने कहा कि इन सभी लंबित मामलों को इस साल के अंत तक निपटा दिया जाएगा।
भारत सरकार के निर्देश पर मनरेगा मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी : अनिरुद्ध
विधायक चंद्रशेखर के एक सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मनरेगा मजदूरों की हाजिरी भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक देश के अन्य राज्यों की तरह हिमाचल में भी आनलाइन लग रही है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में मोबाइल कनेक्टिविटी कम है, वहां इसे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा ताकि मनरेगा मजदूर आसानी से अपनी हाजिरी लगा सकें।
यह भी पढ़ें : विश्व जल दिवस के अवसर पर बागवानी विभाग की ओर से खंड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित
यह भी पढ़ें : यूपीआई को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिल रही है स्वीकृति : सांसद कार्तिक शर्मा