नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सोमवार को एक ऐतिहासिक और कड़ा कदम उठाया। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने पर राज्यसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया। इसमें कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे। राज्यसभा में इस मुद्दे के विरोध में कांग्रेस के गुलाम नवी आजाद जमीन पर बैठकर धरना देने लगे। इसके विरोध में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इसके साथ ही पीडीपी सांसद मीर फैयाज ने अपना कुर्ता फाड़ दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। गृह मंत्री अमित शाह ने लद्दाख के लिये केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। शाह ने राज्यसभा में घोषणा की कि कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी।
गृह मंत्री ने कहा, ”राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।” राज्यसभा में पीडीपी के दो सदस्यों ने भारतीय संविधान की प्रतियां फाड़ीं, जिसके बाद उन्हें मार्शलों ने सदन से बाहर किया। पीडीपी सांसदों नजीर अहमद लवाय और मीर मोहम्मद फैयाज ने जमकर विरोध किया।