आज समाज नेटवर्क,चंडीगढ़/दिल्ली:
युवा सांसद कार्तिक शर्मा निरंतर जनसरोकार से मुद्दे उठा रहे हैं। इसी कड़ी में सदन में उन्होंने नदियों में प्रदूषण और अपशिष्ट पदार्थों के नदियों में विसर्जन का मुद्दा उठाते उठाते हुए सवाल पूछा कि इसको रोकने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही पूछा कि नदियों में अपशिष्ट पदार्थ बहाने वाली इंड्स्ट्रियल यूनिट्स का क्या आंकड़ा है और इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
इसका जवाब देते हुए जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वेर टुडु ने जवाब देते हुए कहा कि जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए अधिनियमों का प्रावधान किया गया है और औधोगिक इकाइयों के लिए इनकी कड़ाई से अनुपालना जरूरी है। इनकी अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अस्तित्व में हैं। जल प्रदूषण की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए अन्य बातों के साथ साथ विशिष्ट निर्वहन मानकों की सूचना जारी करना, उद्योगों के वर्गीकरण के लिए मानदंडों में संशोधन करना और सभी केंद्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसको अपनाने के लिए निर्देश जारी करना, सहमति जारी करना और उद्योगों को तकनीकी प्रगति द्वारा अपने अपशिष्ट जल उत्पादन को काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना है।
आगे जानकारी में बताया गया कि देश भर में 2859 प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों की पहचान की गई है। इनमें से 2197 इकाई चालू हैं तो 662 अपने आप बंद हो गई हैं। संचालित इकाइयों में में 2059 नियमों की अनुपालना कर रही हैं और 53 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा 66 इकाइयों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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