Movement of UP’s angry farmers traveling to Delhi ends, government accepts five demands: दिल्ली कूच कर रहे यूपी के नाराज किसानों का आंदोलन समाप्त, सरकार ने मानी पांच मांगे

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नई दिल्ली। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली का रुख किया था। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के हजारों नाराज किसानों ने दिल्ली में प्रदर्शन की तैयारी की थी। लेकिन अब अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे उत्तर प्रदेश के नाराज किसानों का आंदोलन अब समाप्त हो गया है। भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने कहा कि सरकार ने हमारी 5 मांगें मान ली हैं। हमने अपना आंदोलन खत्म नहीं किया है बल्कि ये तो सिर्फ अस्थायी व्यवस्था है। हम प्रधानमंत्री से 10 दिन बाद फिर मिलेंगे और अपनी बाकी 10 मांगें उनके समक्ष रखेंगे। इसको लेकर गाजियाबाद जिला प्रशासन और दिल्ली पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए थे। दिल्ली में प्रदर्शन करने आ रहे किसानों की तादाद हजारों की संख्या में थी। बताते चलें कि कल यानि शुक्रवार की रात तक हुई दोनों पक्षों में बातचीत के बाद यही निष्कर्ष निकला था कि अगर किसान दिल्ली पुलिस के निदेर्शों के हिसाब से चलेंगे तभी उन्हें दिल्ली में प्रवेश मिल पाए। किसानों को यहां से दिल्ली के किसान घाट पर डेरा डालने के लिए रवाना होना था। हालांकि, इन्हें बॉर्डर पर ही रोकने के लिए सीमाएं सील कर दी गई। हजारों संख्या में पुलिस बल दिल्ली बॉर्डर पर तैनात हैं। पहले हुए किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा को नजर में रखते हुए प्रशासन ने पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा है।
किसानों की मांगें

1. भारत के सभी किसानों के कर्जे पूरी तरह माफ हों।

2. किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त मिले।

3. किसान व मजदूरों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य मुफ्त।

4. किसान-मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपये महीना पेंशन मिले।

5. फसलों के दाम किसान प्रतिनिधियों की मौजूदगी में तय किए जाएं।

6. खेती कर रहे किसानों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए।

7. किसान के साथ-साथ परिवार को दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिले।

8. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट और एम्स की स्थापना हो।

9. आवारा गोवंश पर प्रति गोवंश गोपालक को 300 रुपये प्रतिदिन मिलें।

10. किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान ब्याज समेत जल्द किया जाए।

11. समस्त दूषित नदियों को प्रदूषण मुक्त कराया जाए।

12. भारत में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो।