- प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को हुडा सेक्टर -25 में एक भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम का किया आयोजन
Aaj Samaj (आज समाज),Motivational Speaker Senior Rajyoga Teacher BK Shivani DiDi,पानीपत : प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को हुडा सेक्टर -25 में एक भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य विषय “मिरेकल ऑफ मेडिटेशन” रहा। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, मोटिवेशनल स्पीकर, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शिवानी दीदी रही। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शहरी विधायक प्रमोद विज, पाइट कॉलेज के चेयरमैन हरिओम तायल के अलावा राकेश तायल, सुरेश तायल, रामनिवास गुप्ता पानीपत रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक आदि सहित अनेक अधिकारी गण एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ जिसमें मुख्य रूप से बीके भारत भूषण, बीके शिवानी बहन बीके सुनीता बहन एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
जब विचारों की गति कम होगी तभी कर सकते हैं शांति की अनुभूति
अपने विषय “मिरेकल ऑफ मेडिटेशन” विषय पर बोलते हुए बीके शिवानी दीदी ने कहा कि अभी तक तो यही माना जाता रहा है कि मेडिटेशन या ध्यान का मतलब होता है कुछ नही सोचना.. और जब इस सोच से मेडिटेशन करने बैठते हैं तो मन इधर उधर ही भागता है क्योंकि कुछ नहीं सोचना ये संभव नहीं है। शरीर के अंदर जो आत्मा है उसकी तीन सूक्ष्म इन्द्रियां होती है- मन, बुद्धि और संस्कार। मन विचार उतपन्न करता है बुद्धि उसको देखती है (विज़ुअलाइज़) करती है। जब ये दोनों साथ काम करते है तो उससे एकाग्रता आती है। मेडिटेशन का मतलब विचारों को दबाना या रोकना नहीं है। एक विचार को पकड़ कर उसको विज़ुअलाइज़ करना है। जब विचारों की गति कम होती है तब हम मन की शांति की अनुभूति कर सकते है।
शांति और सुख कोई ऐसी वस्तु नहीं है जो कहीं से खरीदी जा सके
शिवानी दीदी ने आगे बताया हम सब कुछ खरीद सकते हैं। परन्तु शांति और सुख कोई ऐसी वस्तु नहीं है जो कहीं से खरीदी नहीं जा सकती। इन्हें तो किसी से मांग कर भी नहीं प्राप्त किया जा सकता। इसके लिए आंतरिक स्तर पर एक धीमी पहल की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन हम इसलिए नहीं करते कि उस वक्त हमें शांति, सुकून मिले, रिलैक्स महसूस करें, बल्कि मेडिटेशन इसलिए करते हैं कि उससे पूरे ही दिन शांत और सहज महसूस करें। जैसे डॉक्टर के सामने बैठने मात्र से आपका रोग ठीक नहीं होगा, उसके लिए आपको डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन, डाइट, एक्सरसाइज को समय-समय पर करते रहना होगा। इस प्रकार भी मेडिटेशन एक प्रैक्टिस है जिसको प्रैक्टिकल करने से ही आपके जीवन में बदलाव आएगा।
मेडिटेशन का चमत्कार है कि जीवन बदल जाता है
हम खाना रोज खाते हैं, सैर और व्यायाम रोज करते है, एक दिन भी मिस किया तो एनर्जी लेवल कम हो जाता है। ठीक ऐसे ही खुद को मेडिटेशन करने के लिए, खुद को शांत रखने के लिए भागदौड़ भरी जिंदगी, व काम की जिम्मेदारियों के बीच अपने लिए समय निकालना होगा। अपनी अंतरात्मा को भी अच्छे और शक्तिशाली विचारों की खुराक देनी है तो रोज राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करना होगा। मेडिटेशन से जहां विचारों की गति शांत होती है, तो जीवन और व्यवहार में भी बदलाव आता है।
रोजाना अपने आपको ये विचार दें
– मै शक्तिशाली आत्मा हूं – मैं अपने परिवार का शक्ति स्तम्भ हूँ
– जो हुआ अच्छा हुआ, कल्याणकारी हुआ – मैं अपने घर का लाइट हाउस माइट हाउस हूं,
लाइट हाउस अर्थात जो दिशा दिखता है और माइट हाउस जो शक्ति और समर्थी देता।
जैसा बार-बार सोचोगे देखना एक दिन वही होने लगेगा।
परमात्मा से मन बुद्धि का कनेक्शन ही मेडिटेशन है
राजयोगिनी बीके भारतभूषण ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी सहयोगियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा परमात्मा सर्वोच्च आत्मा है, जिसे हम भगवान, प्रभु, ईश्वर, गॉड, अल्लाह, इत्यादि के रूप में बुलाते रहे हैं। अब वह आये हैं, हमें सच्चा ज्ञान देने, तो उस परमात्मा शिव से मन-बुद्धि का कनेक्शन जोड़ो। यही मेडिटेशन है। कार्यक्रम के अंत में राजयोगिनी सरला बहन ने सबको राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास भी कराया। पाइट कॉलेज के वाईस चेयरमैन ने सभी अतिथियों का शब्दों के माध्यम से आभार प्रकट किया। मंच संचालन बीके सुनीता बहन ने किया। बीके शिवानी दीदी के विचारों को सुनने के लिए जिलेभर से एवं आसपास के शहरों से भी हजारों की संख्या में जिज्ञासु एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति मौजूद रहे।