Motiram Goyal Donated His Eyes : समाज सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं – मोतीराम गोयल ने किया नेत्रों का दान

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Motiram Goyal Donated His Eyes
Motiram Goyal Donated His Eyes

Aaj Samaj (आज समाज),Motiram Goyal Donated His Eyes,पानीपत :  87 वर्षीय मोतीराम गोयल जमुना एनक्लेव पानीपत के रहने वाले मृत्यु उपरांत उनके सुपुत्र सुरेंद्र कुमार गोयल ने अपने पिता के नेत्रों का दान सिविल अस्पताल से आए डॉक्टर केतन भारद्वाज डॉक्टर रामहेर ने जन सेवा दल के सहयोग से नेत्रों का दान करवाया और इन्हें नेत्रों को पीजीआई रोहतक को दान में दी गई। मोती राम गोयल का जन्म समालखा के पास बिहोली गांव में 20 फ़रवरी, 1936 को हुआ। बचपन में ही इनके माता पिता का स्वर्गवास हो गया था। अपने बलबूते पर पढ़ लिख कर स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। टेलीफोन विभाग में अपनी सराहनीय सेवाएं दी, और फ़रवरी 1994 में पानीपत टेलीफोन एक्सचेंज से सीनियर सुपरवाइजर के पद से सेवा निवृत हुए।

 

इनका रुझान अध्यात्म की ओर था

इनका रुझान अध्यात्म की ओर था। पिछले 50 वर्षों से अधिक से आर्य समाज से जुड़े हुए थे। समालखा में समाज सेवा समिति के भी आजीवन सदस्य थे। पिछले बीस वर्षों से आत्म शुद्धि आश्रम, बहादुरगढ़ में वानप्रस्थी और सन्यास का जीवन जी रहे थे। स्वामी जी ने इनको मनुदेव वानप्रस्थी का नाम दिया था। वर्ष 2010 में इन्होंने वैदिक काव्यांजलि नाम की पुस्तक लिखी, जिसे आर्य जगत में बहुत सराहा गया। इनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं, सब अपने परिवार के साथ अच्छी प्रकार से रह रहें है। जन सेवा दल की टीम नेत्रदान के लिए रक्तदान के लिए और शरीर दान के लिए लोगों को प्रेरित करती रहती है। इसमें प्रधान कृष्ण मनचंदा, चमन गुलाटी, कमल गुलाटी, राजू मनोचा, यश बंगा का हमेशा सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।