आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:
मानसून में खतरनाक इमारतें लोगों के लिए जानलेवा न बने, इसके लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपनी सर्वे रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंप दी है। निगम की रिपोर्ट में 266 इमारतों को खतरनाक पाया है, जबकि 783 इमारतें मरम्मत योग्य थीं। उनमें से 38 की मरम्मत हो चुकी है। पिछले माह उपराज्यपाल ने नगर निगम ने खतरनाक इमारतों का सर्वे तेजी से करने से लेकर इसकी रिपोर्ट मांगी थी। उसके बाद निगम ने अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपकर बताया है कि 26 लाख 62 हजार इमारतों में से 24 लाख 73 हजार इमारतों का सर्वे हो गया है जिसमें 266 खतरनाक इमारतें निगम के 12 जोन में पाई गई हैं। सबसे अधिक खतरनाक इमारतों की संख्या सदर पहाड़गंज (सिटी एसपी) जोन में है। यहां 112 खतरनाक इमारतें हैं, जबकि दूसरे स्थान पर सिविल लाइंस जोन में 101 इमारतें खतरनाक इमारतें हैं।
सभी इमारतें निगम के उत्तरी क्षेत्र इलाके में है
यह सभी इमारतें निगम के उत्तरी क्षेत्र इलाके में है। इनमें चांदनी चैक, पहाड़गंज और सदर बाजार के इलाके सर्वाधिक हैं। निगम के दक्षिणी क्षेत्र में एक और पूर्वी क्षेत्र इलाके में एक भी इमारत खतरनाक नहीं है। जबकि, हर वर्ष दक्षिणी और पूर्वी निगम इलाके में भी अप्रिय घटनाएं होती हैं। खतरनाक और जर्जर इमारतों को लेकर जारी निगम की रिपोर्ट के अनुसार 38 संपत्तियों की मरम्मत भी पूरी हो गई है। दिल्ली में अक्सर बरसात के दौरान कई जगहों पर पानी भी भर जाता है। कई इलाकों में इमारतें काफी पुरानी बनी हुई है। यदि कुछ घंटे तक लगातार बारिश हो जाती है तो हादसा होने की खतरा अधिक बन जाता है। पुरानी दिल्ली, सदर बाजार, पहाड़गंज जैसे इलाकों में कई दशक पुरानी इमारतें बनी हुई है, मगर इनकी मरम्मत का काम नहीं किया जाता है। इस वजह से यहां हादसे हो जाते हैं।
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