Morning Depression: कई लोग तो सुबह के समय जल्दी उठना और अपने कार्य को समय से पूरा करना पसंद करते हैं। वहीं, कई सारे लोग ऐसे भी उठते हैं जिनकी सुबह निराशा के साथ होती है। ऐसे लोगों को न ही सुबह उठने का मन करता है और न ही किसी भी तरह के काम को करने कि इच्छा होती है। लेकिन ये कोई आम बात नहीं है, इसे मॉर्निंग डिप्रेशन भी कहा जाता है। इसके होने पर व्यक्ति काफी ज्यादा अकेला महसूस करता है। इसके होने से व्यक्ति को किसी भी तरह के काम को करने की कैपेसिटी भी धीरे धीरे खत्म होती जाती है।
सुबह उठने पर किसी भी तरह के काम को करने कि इच्छा न होना और सुबह उठने में परेशानी आना।
मॉर्निंग डिप्रेशन होने पर असहजता महसूस होगी और किसी भी काम को ठीक तरह से नहीं कर पाएंगे।
दिन की स्टार्टिंग में ही बॉडी में एनर्जी की काफी ज्यादा कमी हो जाती है, जो धीरे धीरे और बढ़ती जाती है।
लोगों से बात करने में चिड़चिड़ाहट होती है और बात चीत करने कि इच्छा खत्म हो जाती है।
जिस व्यक्ति को इस तरह की कोई समस्या होगी वे सामान्य से ज्यादा सोने लग जाएगा।
लोगों के आस पास रहने पर भी एकांत रहना और उनके बीच बात चीत करने में संकोची हो जाना।
सुबह के समय भूख चली जाना और नाश्ता करने की इच्छा नहीं होना।
अक्सर ये समस्या उन लोगों में ज्यादातर होती है, जो कि पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं। इन लोगों को डिप्रेशन की समस्या अन्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होती है। व्यक्ति सुबह उठने पर फ्रेश फील करने कि जगह खुद को लो महसूस करता है।
एक कारण ये भी होता है कि बहुत सारे लोग पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस नहीं कर पाते हैं। इसका असर उनके माइंड पर पड़ता है और रिश्तों का बोझ उनके ऊपर हावी सा होता चला जाता है। धीरे धीरे ये समस्या डिप्रेशन का कारण बन जाती है।
हमारी बॉडी स्ट्रेस की स्थिति में कोर्टिसोल नाम के एक केमिकल को रिलीज करता है। शरीर में कोर्टिसोल नामक केमिकल के बढ़ने से मॉर्निंग डिप्रेशन जैसी और भी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
इंसानी दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर जब असंतुलित होता है तो ये डिप्रेशन का कारण बनता है। माइंड की शांति के लिए ब्रेन सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को मेंटेन करने की कोशिश करता है। लेकिन एन्साइटी ज्यादा होने पर ये असंतुलित हो जाता है और मॉर्निंग डिप्रेशन का कारण बन जाता है।
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, अवसाद के जैसी अन्य मानसिक तनाव से जूझ रहे लोगों में इंटरल्यूकिन 6 नाम के सूजन को उत्पन्न करने वाले केमिकल का लेवल जब बढ़ जाता है, जिस वजह से व्यक्ति मॉर्निंग डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।
मॉर्निंग डिप्रेशन से बचने के लिए सुबह समय से सोएं और कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठें। इसके अलावा सोने से पहले अपने मोबाइल फोन का यूज न करें।
इंटरपर्सनल थेरेपी, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी, साइकोथेरेपी से मॉर्निंग डिप्रेशन से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि इनकी सहायता लेते हैं तो नेगेटिव थाट दूर होते जाते हैं, इसके अलावा मूड भी फ्रेश रहता है।
रोजाना एक्सरसाइज, मेडिटेशन और हेल्थी डाइट अपने रूटीन में शामिल करें और शराब और सिगरेट से दूर रहें
पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह कत्ल केस में राजोआना को मिली है सजा-ए-मौत Balwant…
Sapna Choudhary Dance: हरियाणवी क्वीन सपना चौधरी अपने डांस और अदाओं से लोगों का दिल जीतने…
पहली बार शहर को मिली महिला मेयर Ludhiana Mayor (आज समाज) लुधियाना: आज लुधियाना नगर…
पंजाब से मेवात ले जाए जा रहे थे गोवंश Rohtak News (आज समाज) रोहतक: पंजाब…
Haryana Bijli Bill Mafi Yojana: हरियाणा सरकार गरीब और निम्न-आय वाले परिवारों को राहत देने…
शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा आग लगने का कारण Panipat News (आज समाज) पानीपत: शहर…