नई दिल्ली, Automobiles News : पार्क+ ने हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारत में इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के अनुभवों पर केंद्रित एक सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों का खुलासा किया गया है। सर्वेक्षण में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बंगलूरू में 500 ईवी कार मालिकों की प्रतिक्रियाएं शामिल थीं। फेडरेशन आॅफ आॅटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में लगभग 91,000 इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बेचे गए। इस सर्वे में शामिल ईवी मालिकों में से 88 प्रतिशत ने इलेक्ट्रिक वाहन की चार्जिंग से जुड़ी चिंता को एक प्राथमिक चिंता बताया। दिलचस्प बात यह है कि ईवी चार्जिंग की चिंता ज्यादा सामान्य रूप से चर्चा की जाने वाली ड्राइविंग रेंज की चिंता को पार कर गया। इन चुनौतियों के कारण कई ड्राइवरों ने 50 किमी से कम की छोटी इंटरसिटी यात्राओं तक अपनी यात्रा को सीमित करना पसंद किया। इसके अलावा, सर्वे में 73 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि मेंटेनेंस लागत एक प्रमुख चिंताजनक क्षेत्र थी। कई ईवी मालिकों को यह समस्याग्रस्त लगता है कि स्थानीय मैकेनिक भी ईवी को ठीक करने में मुश्किल पाते हैं। मरम्मत लागत पर किसी अन्य मैकेनिक की राय हासिल करने में असमर्थता ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया। सर्वे में शामिल 33 प्रतिशत ईवी मालिकों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन के रीसेल वैल्यू में काफी गिरावट एक चिंता का विषय थी। जबकि ईवी के लिए रीसेल बाजार अभी भी विकसित हो रहा है। वहीं, बैटरी की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए मानकीकृत परीक्षणों की मौजूदा कमी, उनके वास्तविक मूल्य का आकलन करना मुश्किल बनाती है। गौरतलब है कि बैटरी का मूल्य एक ईवी के मूल्य का 30 प्रतिशत होता है। ईवी से जुड़ी यह अनिश्चितता वाहन के लाइफ और माइलेज के आधार पर कउए (इंटरनल कंब्शन इंजन) (आईसीई) वाहनों के सीधे और तुरंत मूल्यांकन से बिलकुल उलट है।
औसतन, ईवी मालिकों ने आईसीई वाहन मालिकों की तुलना में कम संतुष्टि की सूचना दी। यह मुख्य रूप से रोजमर्रा की परेशानियों के कारण है। खास तौर पर, 51 प्रतिशत सर्वेक्षण किए गए ईवी मालिकों ने अपनी अगली खरीद के लिए आईसीई वाहनों पर लौटने की प्राथमिकता जताई।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.