आधुनिक भाग-दौड़ भरी जिंदगी का सबसे ज्यादा असर हमारे लाइफस्टाइल पर पड़ता है। खराब लाइफस्टाइल कई बीमारियों को जन्म देता है लेकिन इससे सबसे ज्यादा दिल की सेहत खराब होती है। एक नए अध्ययन के मुताबिक पिछले 30 साल में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या दोगुनी हुई है। हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के कारण दिल, दिमाग, किडनी संबंधी रोग और अन्य गंभीर बीमारियां लगती हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि हाइपरटेंशन से पीड़ित 41 प्रतिशत महिलाओं और 51 प्रतिशत पुरुषों को यह पता ही नहीं रहता कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है। यानी आधे लोगों को इस बीमारी के बारे में पता ही नहीं होता लेकिन उन्हें हाइपरटेंशन की समस्या होती है। आपको बता दें कि यह खतरनाक स्थिति है क्योंकि शुरुआत में पता नहीं चलने के कारण लोग इलाज नहीं कराते हैं इसलिए हाइपरटेंशन के कारण इन मरीजों को आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
1.20 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित
अध्ययन के मुताबिक पिछले 30 वर्षों में हाइपरटेंशन मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है और इनमें से ज्यादातर वृद्धि कम एवं मध्यम आय वाले देशों में हुई है। यह जानकारी पत्रिका ‘लैंसेट’ में प्रकाशित एक अध्ययन में दी गई है। शोधकर्ताओं ने 184 देशों में तीन से अधिक दशकों में 30-79 वर्ष की आयु वाले 10 करोड़ से अधिक लोगों के ब्लड प्रेशर का विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि 1990 में 30 करोड़ 31 लाख महिलाएं और 30 करोड़ 17 लाख पुरुष उच्च रक्तचाप के मरीज थे जबकि 2019 में 60 करोड़ 26 लाख महिलाएं और 60 करोड़ 52 लाख पुरुष इस बीमारी से पीड़ित थे। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार बीमारी का आसानी से पता लगाने और इलाज के कम खर्च के बावजूद 2019 में विश्वभर में उच्च रक्तचाप से पीड़ित करीब आधे लोगों को उनकी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी।
हर साल 85 लाख लोगों की मौत
ब्रिटेन स्थित इम्पीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर एवं अध्ययन के लेखक माजिद इज्जती ने कहा, पिछले कुछ दशकों में चिकित्सीय और औषधीय प्रगति के बावजूद उच्च रक्तचाप प्रबंधन में वैश्विक प्रगति धीमी रही है और उच्च रक्तचाप के ज्यादातर मरीजों को इलाज नहीं मिला। हर साल दुनियाभर में 85 लाख लोगों की मौत उच्च रक्तचाप की वजह से होती है और यह आघात, हृदय रोग, वाहिका संबंधी रोगों और गुर्दे की बीमारियों की मुख्य वजह है। रक्तचाप के स्तर को घटाकर आघात की संख्या में 35-40 फीसदी, दिल के दौरे में 20-25 प्रतिशत तक और हृदय गति रुकने में करीब 50 फीसदी की कमी आ सकती है। अध्ययन के अनुसार, कनाडा और पेरू में 2019 में सबसे कम लोगों में उच्च रक्तचाप देखा गया। ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान और स्विट्जरलैंड, स्पेन समेत पश्चिमी यूरोप के कुछ देशों तथा ब्रिटेन में महिलाओं में उच्च रक्तचाप की दर कम रही जबकि एरिट्रिया, बांग्लादेश, इथियोपिया और सोलोमन द्वीप में पुरुषों में उच्च रक्तचाप की दर कम रही।