चंडीगढ़। पहले कोरोना वायरस को लेकर जनता कर्फ्यू और इसके एक ही दिन बाद शहर में कर्फ्यू लागू हो जाने से सिर्फ गरीब या मजदूर ही नहीं बल्कि छात्र-छात्राएं भी बुरी तरह से शहर में फंस गए। इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर भी शुरू हो गई कि कर्फ्यू के कारण पीजी में रह रहे काफी संख्या में छात्राएं भी भूखी हैं। इस बात की जानकारी सेक्टर-45 में रहने वाली सरोज चौबे और उनकी बिटिया शिखा को तब मिली जब सरोज नवरात्र के अवसर पर कंजिका जमाने की तैयारी में जुट रही थीं। इसी सूचना के बाद सरोज ने तय कर लिया कि कंजिका जमाने के साथ भूखे रहने वाले छात्र-छात्राओं के अलावा अन्य मजबूर फंसे हुए लोगों को भी तब तक खाना खिलाएंगे जब तक कर्फ्यू का दौर शहर में रहेगा।
इसके बाद महिला समाज सेवी सरोज ने अपनी योजना की पूरी जानकारी अपने पति संजय चौबे को दी और संकल्प लेने की बात कही। इस पर उनके पति संजय चौबे जो शिवानंद चौबे मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं, उन्होंने भी अपनी ओर से इस नेक काम पर सहमति जताई। इसके तुरंत बाद ही संजय चौबे अपनी पत्नी की संकल्प को फेसबुक पर डालते हुए जरूरतमंद लोगों से अपील की कि जो भी फंसे, मजबूर और भूखे हैं, उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करें ताकि उनकी मदद की जाए। बस फिर क्या था, यहीं से कोरोना कर्फ्यू में फंसे लोगों को खिलाने और उनकी सेवा का सिलसिला शुरू हो गया।
आज स्थिति यह है कि भूखों के लिए सरोज चौबे, उनके पति संजय चौबे, उनकी बिटिया शिखा और बेटा राहुल जरूरतमंद लोगों के लिए मसीहा बन गए हैं। सुबह बिस्तर छोड़ने के साथ पिछले कई दिनों से सरोज चौबे जो शिवानंद चौबे मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट की सचिव भी हैं, प्रतिदिन करीब 200 लोगों के लिए अलग अलग दिनों के लिए अलग अलग वेरायटी का खाना खुद ही बनाकर कोरोना कर्फ्यू में फंसे हुए लोगों को खिलाने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों के लिए निकल पड़ती हैं। इसमें उनके पति संजय चौबे भी कदम से कदम मिलाकर सहयोग कर रहे हैं।
इस संबंध में जब सरोज चौबे से बात कि तो उनका कहना है कि कोरोना के कारण फंसे हुए गरीब, मजबूर और छात्र-छा़त्राओं को खाना खिलाकर उन्हें सच्ची सेवा की अनुभूति हो रही है। नव रात्र के कारण कंजिका जमाने की सोच ही रही थी, तभी मां दुर्गे ने समाज सेवा करने के लिए प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी बताया कि जरूरतमंद लोगों को किट जैसे मास्क, ग्लबस के अलावा अन्य सामान भी वितरित करने का काम लगातार चल रहा है। ताकि कोई बीमार न पडे और न ही कोई भूखा रहे। सरोज के पति संजय चौबे ने आईटीवी फाउंडेशन का भी शुक्रिया करते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस मुहिम को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग मिला रहा है।
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