Moorti Sthaapana Samaroh: गांव नूरवाला के अंबेडकर भवन में संत शिरोमणि महा ऋषि रविदास जी महाराज व संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर जी की मूर्ति स्थापना समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया, जिसमें मुख्य अतिथि पानीपत के प्रसिद्ध उद्योगपति व दानवीर सेठ व समाजसेवी पार्षद विजय जैन व समाजसेवी तिलक राज सब्बरवाल रहे। इस अवसर पर दोनों महापुरुषों की मूर्तियां ट्रैक्टर ट्राली में रख कर के समाज के लोगों ने भव्य बैंड बाजों और ढोल नगाड़ों के बीच शोभा यात्रा निकाली गई, जिसको विजय जैन ने झंडी दिखाकर के रवाना किया और फिर शाम को मूर्ति स्थापना समारोह किया गया। Moorti Sthaapana Samaroh
राष्ट्र को समानता का संदेश दिया
इस अवसर पर बोलते हुए पार्षद विजय जैन ने कहा है कि संत शिरोमणि रविदास जी महाराज वह डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के दिखाए मार्ग पर चलकर के ही हमारा समाज व राष्ट्र तरक्की कर सकता है। उन्होंने कहा है कि संत शिरोमणि रविदास जी महाराज ने छुआछूत को खत्म करा कर के समाज व राष्ट्र को समानता का संदेश दिया और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने अपने संदेश में दबे कुचले समाज को कॉपी किताब और पेंसिल हाथ में लेकर के साक्षरता का संदेश हमारे राष्ट्र और दुनिया को दिया। इस संदेश को लेकर के आज हमारा राष्ट्र निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। जैन ने कहा है कि अंबेडकर जी महाराज के दिखाए मार्ग पर चलकर के अगर कोई बच्चा शिक्षा से वंचित रहता है, तो वो उस परिवार की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। Moorti Sthaapana Samaroh
कोई भी गरीब व असहाय व्यक्ति के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहे
उन्होंने कहा है कि उनके हलके का कोई भी गरीब व असहाय व्यक्ति के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहे। यही गुरु रविदास जी महाराज और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी का संदेश है और यही दोनों महापुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर पानीपत के वरिष्ठ समाजसेवी तिलक राज सभरवाल ने कहा है कि हमारा समाज तभी तरक्की कर सकता है जब हम साक्षर बनाएंगे, तब ही आत्मनिर्भर बनेंगे तभी हमारे बच्चे तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। इस अवसर पर अंबेडकर सभा के प्रधान वजीर चंद, इंद्रपाल, बिट्टू भाई, सतेंद्र कुमार, सरदार दर्शन सिंह, कर्मवीर बामणिया, महावीर, अनिल चंदौली, दारा सिंह, शराफत अली, सुभाष, पानीपत ग्रामीण विकास मोर्चा के अध्यक्ष सतपाल राणा, राजेंद्र बामणिया, रोहतास डाबड़ा, बिट्टू, सुभाष, जय किशन बाल्मीकि, रामस्वरूप आदि लोग उपस्थित रहे। Moorti Sthaapana Samaroh