Monsoon Session 2023 Update: मणिपुर मुद्दे पर सरकार चर्चा को तैयार, विपक्षी दल इसके प्रति गंभीर नहीं : राजनाथ

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Monsoon Session 2023 Update
मणिपुर मुद्दे पर सरकार चर्चा को तैयार, विपक्षी दल इसके प्रति गंभीर नहीं : राजनाथ

Aaj Samaj (आज समाज), Monsoon Session 2023 Update, नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र का दूसरा दिन भी मणिपुर में हिंसा व वहां महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने के मामले को लेकर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र के पहले दिन गुरुवार की तरह शुक्रवार को भी विपक्षी दलों ने दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। सरकार की तरफ से कहा गया कि मामले में चर्चा करवाने को तैयार हैं लेकिन इसके बावजूद विपक्ष ने हंगामा जारी रखा।

  • पीएम मोदी के सदन में बयान पर अड़े विपक्षी दल
  • दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित 

प्रधानमंत्री के बयान के बावजूद विपक्ष हमलावर : राजनाथ

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुबह 11 बजे शोरशराबे के बीच लोकसभा में कहा, सरकार मणिपुर में हुई वारदात की गंभीरता को समझती है और हम मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है, लेकिन मुझे लगता है कि चर्चा के प्रति विपक्ष गंभीर नहीं है। उन्हांने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वारदात पर बयान दिया है। राजनाथ के मुताबिक पीएम ने गुरुवार को कहा था कि जिस प्रकार की वारदात मणिपुर में हुई है उससे पूरा राष्ट्र शर्मसार हुआ है और उन्होंने मामले में कठोर कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। इसके बावजूद विपक्षी दल पहले दिन से हमलावर हैं। कुछ दल सदन को चलने नहीं देना चाहते।

नारेबाजी समस्या का समाधान नहीं : ओम बिरला

जोरदार हंगामे को देखते हुए पहले सुबह लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गई। 12 बजे बाद जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्ष अपनी मांग को लेकर फिर से हंगामा करने लगा। इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नारेबाजी से समस्या का समाधान नहीं होगा। इसी तरह राज्यसभा में हंगामा हुआ जिसके चलते पहले इस सदन की कार्यवाही भी ढाई बजे के बाद सोमवार सुबह स्थगित कर दी गई है।

मामले पर बाहर बयान देकर अपनी विफलता दिखाई : खड़गे

बता दें कि मणिपुर मामले में पीएम मोदी ने गुरुवार को सदन के बाहर बयान दिया था जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री को पहले सदन के अंदर बयान देना था। जब सदन चल रहा है तो सभी नेता अपने सदस्यों को पहले बयान दें फिर बाहर दें, क्योंकि ये हमारी ड्यूटी होती है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बाहर बयान देकर इस मामले पर अपनी विफलता दिखाई। खड़गे ने कहा, अगर आप नाराज थे तो कांग्रेस शासित राज्यों के साथ झूठी तुलना करने के बजाय पहले अपने मुख्यमंत्री मणिपुर को बर्खास्त कर सकते थे।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदन की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने मणिपुर घटना पर सदन के बाहर बयान दिया। वह सदन के अंदर बोलते तो हैं कि वे चर्चा के लिए तैयार हैं, पर हम सदन के अंदर क्या बोलना चाहते हैं वे हमें ये मौका नहीं देते हैं।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि मणिपुर में दो माह से ज्यादा समय से अराजकता का माहौल बना हुआ है। सवाल यह है कि उसका जिम्मेदार कौन हैं? हमारा सवाल है कि पीएम सदन के बाहर बोल सकते हैं तो सदन के अंदर क्यों नहीं बोल सकते?

सांसद संजय राउत ने कहा, दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमाया जाता है, आप समान नागरिक कानून की बात करते हैं, उससे पहले मणिपुर की कानून व्यवस्था की बात करें। आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, मणिपुर हमारे देश का अभिन्न अंग है और वहां जो दरिंदगी की घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे पूरे हिंदुस्तान का दिल दहल गया है। केंद्र सरकार नींद से जागे और इस विषय पर चर्चा कराए।

जिम्मेदारी से भाग रहा विपक्ष : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, देश की जनता जब एक उम्मीद के साथ संसद सत्र की ओर देखती है और यह विपक्षी दल मुद्दों को नहीं उठाने देते, तो अपने आप में ही इनकी भूमिका पर प्रश्न चिह्न खड़ा होता है। उन्होंने कहा, हम संवेदनशील हैं और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा में भाग लेना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष जिम्मेदारी से भाग रहा है, इसलिए वह मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं होने दे रहा। लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, विपक्ष का चर्चा न होने देना दर्शाता है कि ये लोग मुद्दे का हल चाहते ही नहीं हैं।

नए-नए तरीके से चर्चा को रोकना गलत : प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नए-नए तरीके से चर्चा को रोकना और बहस करना ये बिल्कुल गलत है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हम सार्थक चर्चा करना चाहते हैं, इसलिए सभी विपक्षी दलों को सहयोग करना चाहिए लेकिन वे चर्चा ही नहीं करना चाहते हैं। वे हर बार ऐसे मुद्दे लाते हैं जिसमें मुद्दा नहीं रहता है।

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