Monsoon Mayhem: हिमाचल में मानसून के दौरान 199 लोगों की मौत, 31 लापता

0
286
Monsoon Mayhem
मनाली में तबाही का मंजर

Aaj Samaj (आज समाज), Monsoon Mayhem, शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान बारिश व बाढ़ आदि की विभिन्न घटनाओं में 199 लोगों की मौत हुई है और 229 लोग घायल हैं। वहीं 30 से ज्यादा लापता बताए गए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मानसून ने 41 दिन राज्य में कहर बरपाया और 199 मौतों में से 57 लोगों की मौत बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुई है। वहीं 142 लोगों की मौत मानसून के बीच सड़क हादसों में हुई। प्राधिकारण ने बताया है कि 31 लोग लापता हैं।

274 बिजली, 42 जलापूर्ति योजनाए व 300 सड़कें बंद

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में 274 बिजली और 42 जलापूर्ति योजनाएं अब भी बाधित हैं। इसके अलावा करीब 300 सड़कें बंद हैं। भारतीय मौसम विभाग ने अगले दो दिन फिर भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिसके बाद प्राधिकरण ने अलर्ट जारी किया है।

शिमला में पर्यटन उद्योग को एक बड़ा झटका

शिमला में पर्यटन उद्योग को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि सोलन जिले में कालका-शिमला चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग-5 भूस्खलन में बह गया है। पर्यटन पुनरुद्धार की उम्मीदें बहुत अधिक थीं, लेकिन इस आपदा ने शिमला में कारोबारियों के भविष्य पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। हिमाचल प्रदेश टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने कहा है कि स्थितियों सुधरने के बाद अब सितंबर और अक्टूबर में पर्यटकों के दौरे की उम्मीदें अधिक हैं। अचानक बाढ़ व भूस्खलन के डर से पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रोक दी हैं।

हर दिन बढ़ता जा रहा नुकसान का अनुमान

राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ने कहा कि जैसे-जैसे राज्य बारिश और बाढ़ से उबर रहा है, हर दिन जानमाल का नुकसान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को नुकसान का अनुमान हर दिन बढ़ता जा रहा है।

बुनियादी ढांचे को 6563.58 करोड़ की क्षति का अनुमान

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मानसून में बुनियादी ढांचे को अनुमानित नुकसान 6563.58 करोड़ रुपए रहा। बारिश के कारण आई बाढ़ से राज्य में 774 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि 7317 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 254 दुकानें और 2337 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 79 भूस्खलन और 53 अचानक बाढ़ की घटनाएं देखी गईं।

यह भी पढ़ें : 

Connect With Us: Twitter Facebook