Himachal Weather (आज समाज), शिमला : मौसम विभाग द्वारा लगातार बारिश की भविष्यवाणी करने के बाद भी प्रदेश में मानसून पूरी तरह से नहीं बरस रहे। हालात ये हैं कि प्रदेश के किसान और बागवान के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रहीं हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में जुलाई में अब तक मानसून 33 प्रतिशत कम बरसा है। जिसके चलते बारिश का टोटा पड़ा हुआ है।
दूसरी तरफ मौसम विभाग ने एक बार फिर से हिमाचल प्रदेश के कई भागों में लगातार एक सप्ताह तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं शुक्रवार रात को कई भागों में बादल झमाझम बरसे। धौलाकुआं में 54.0, कटौला 40.2, नाहन 37.6, पालमपुर 32.0, पांवटा 31.2, सुंदरनगर 26.8 और बैजनाथ में 25.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 27 जुलाई से 2 अगस्त तक कई स्थानों पर बारिश का येलो अलर्ट है। उधर, 1 से 27 जुलाई तक राज्य में सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
इस अवधि के लिए 220.1 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया, लेकिन वास्तव में 147.5 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई। बिलासपुर में सामान्य से 22, चंबा 39, हमीरपुर 26, किन्नौर 51, कुल्लू 35, लाहौल-स्पीति 91, मंडी 2, शिमला 28, सिरमौर 52, सोलन 52 और ऊना में 52 फीसदी कम बारिश हुई।
इन जिलों के लिए अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर,कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू व चंबा जिले में किसी तरह का अलर्ट नहीं है।
प्रदेश सरकार और आपदा विभाग ने जारी की एडवाइजरी
मानसून सीजन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। प्रदेश सरकार ने पर्यटकों से अनुरोध किया है कि वे हिमाचल आने से पहले मौसम की विस्तृत जानकारी आवश्यक तौर पर लें। इसके साथ ही आपदा विभाग ने स्थानीय लोगों को नदी, नालों और गहरे स्थानों पर जाने से मना किया है। इसके साथ ही लोगों को उन रास्तों का प्रयोग न करने की अपील की गई है जहां पर भूस्खलन की संभावना जताई गई है।