Indian Govt Alert On Mpox, (आज समाज), नई दिल्ली: कई देशों में बढ़ते मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के मामलों को देखते हुए भारत भी इस रोग को लेकर अलर्ट हो गया है। केंद्र सरकार ने देश के सभी एयरपोर्ट, बंदरगाहों व बांग्लादेश और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि बाहर से आने वाले यात्रियों में मंकीपॉक्स के लक्षणों को लेकर अधिकारी सतर्क रहें। बता दें कि भारत में फिलहाल मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक के आकलन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा कम है।
- देश में अभी नहीं कोई मामला
दिल्ली के 3 अस्पतालों में नोडल सेंटर्स बनाए
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली स्थित केंद्र के तीन बड़े अस्पतालों- सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग में नोडल सेंटर्स बनाए गए हैं। इन अस्पतालों में मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज और देखभाल के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को भी अस्पतालों में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
पीओके में मिल चुका है चौथा केस मिला
बता दें कि पाकिस्तान में मंकीपॉक्स के अब तक 4 मामले सामने आ चुके हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पिछले कल यानी 19 अगस्त को एक संदिग्ध मामला सामने आया। 47 वर्षीय व्यक्ति हाल ही में सऊदी अरब से पाकिस्तान लौटा है और वह मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है। उसे इस्लामाबाद के पाकिस्तान इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में मंकीपॉक्स के 3 मामले सामने आए थे।
जानिए क्या होता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स चेचक (स्मालपॉक्स) जैसा एक वायरल रोग है। आमतौर इस वायरस से संक्रमण के ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, पर कुछ मामलों में यह घातक हो सकता है। इसके चलते फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और शरीर पर मवाद से भरे घाव हो जाते हैं। यह वायरस आर्थोपॉक्सवायरस जीनस फैमिली का ही मेंबर है, जो चेचक के लिए भी जिम्मेदार है। मंकीपॉक्स को शॉर्ट में एमपॉक्स भी कहते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने जारी की हैं गाइडलाइन
डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स से निपटने के लिए नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि मंकी पॉक्स के प्रसार वाले इलाकों में टीकाकरण को लेकर रणनीति अपनाने की जरूरत है। संगठन ने एमपॉक्स के मामलों व इसके प्रसार की जांच करने के लिए भी कहा है। स्वास्थ्य विभाग को डब्ल्यूएचओ ने की ओर से हर हफ्ते नए मामलों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एमपॉक्स पीड़ितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान, निगरानी व सहायता की जाए। देशों को एमपॉक्स संक्रमितों के लिए भोजन व अन्य सहायता मुहैया कराने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
2022 के बाद से भारत में आए हैं 30 मामले
2022 के बाद से भारत में मंकीपॉक्स के तीस मामले सामने आए हैं। आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था। भारत में मंकीपॉक्स की जांच के लिए 32 लेबोरेटरी हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, 2022 के बाद से वैश्विक स्तर पर 116 देशों में मंकीपॉक्स के 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं। इस साल अब तक 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें दर्ज की गई हैं।