Money Laundering Priyanka: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की चार्जशीट में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का भी नाम

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Money Laundering Priyanka
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा। 

Aaj Samaj (आज समाज), Money Laundering Priyanka, नई दिल्ली: जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम भी सामने आया है। यह मामला एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थंपी से जुड़ा हैं। सूत्रों के अनुसार यह पहली बार है जब चार्जशीट में उनका नाम शामिल किया गया है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के साथ प्रियंका गांधी को हालांकि आरोपी नहीं बनाया गया है।

थंपी और सुमित चड्ढा के खिलाफ दर्ज की गई है चार्जशीट

संजय भंडारी के करीबी सीसी थंपी और सुमित चड्ढा के खिलाफ दर्ज चार्जशीट में प्रियंका गांधी के नाम का जिक्र किया गया है। ईडी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे अनिवासी भारतीय (एनआरआई) कारोबारी सी सी या चेरुवथुर चकुट्टी थंपी और ब्रिटेन के नागरिक सुमित चड्ढा के खिलाफ नया आरोपपत्र दाखिल किया है।

प्रियंका ने भी फरीदाबाद में खरीदी थी जमीन

जांच में सामने आया है कि रॉबर्ट वाड्रा और थंपी के अलावा प्रियंका ने भी फरीदाबाद में जमीन खरीदी थी। थंपी-वाड्रा के बीच के फाइनेंशियल कनेक्शन की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है। 2005-2006 के बीच फरीदाबाद के अमीपुर गांव में एचएल पाहवा (थंपी के करीबी) प्रोपर्टी डीलर के जरिये रॉबर्ट वाड्रा ने करीब 40.8 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसे दिसंबर 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया था।

पाहवा थंपी का बेहद करीबी

प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम पर भी इसी अमीपुर गांव में अप्रैल 2006 में खरीदी गई थी, जिसे फरवरी 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, पाहवा थंपी का बेहद करीबी है, इसी अमीपुर गांव में थंपी को भी जमीन पाहवा ने ही खरीदवाई थी।

संजय भंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया

ईडी ने इसी सप्ताह मंगलवार को आरोप लगाया कि रॉबर्ट वाड्रा ने लंदन में एक मकान का पुनर्निर्माण कराया और उसमें ठहरे, जो कथित बिचौलिए संजय भंडारी के खिलाफ धन शोधन मामले में अपराध से अर्जित आय का हिस्सा है। संजय भंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया और वहां की सरकार ने ईडी और सीबीआई के कानूनी अनुरोध पर कार्रवाई कर इस साल जनवरी में भारत में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। दोनों संघीय एजेंसियां विदेश में कथित अघोषित संपत्ति रखने के लिए कारोबारी के खिलाफ धन शोधन और कर चोरी के आरोपों की जांच कर रही हैं।

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