Mohammed Muizz: जल्द भारत दौरे पर आएंगे मालदीव के राष्ट्रपति

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Mohammed Muizz जल्द भारत दौरे पर आएंगे मालदीव के राष्ट्रपति
Mohammed Muizz : जल्द भारत दौरे पर आएंगे मालदीव के राष्ट्रपति

Maldives President Mohammed Muizz, (आज समाज), माले: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जल्द भारत के आधिकारिक दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने यह जानकारी दी है। बता दें कि इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर मालदीव के दो मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में उन दोनों मंत्रियों-मरियम शिउना और मालशा शरीफ ने इस्तीफा दे दिया था।

चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं मुइज्जू

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हीना वलीद ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू की यात्रा की तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है। दोनों देश ऐसी तारीख पर चर्चा कर रहे हैं, जो पीएम मोदी और मोइज्जू के लिए सुविधाजनक हो। इससे पहले चीन समर्थक रुख के लिए जाने-जाने वाले मुइज्जू ने पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए 9 जून को भारत की यात्रा की थी। पद संभालने के बाद सबसे पहले नई दिल्ली की यात्रा करने वाले अपने पहले के राष्ट्राध्यक्षों के रुख के खिलाफ मुइज्जू ने सबसे पहले तुर्किये और फिर जनवरी का दौरा किया था।

भारत यात्रा को मुइज्जू ने बताया था सफल

पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के प्रमुख शामिल हुए थे। मालदीव के राष्टÑपति मुइज्जू ने तब कहा था कि उन्हें पीएम मोदी का निमंत्रण पाकर और उनके शपथग्रहण में शामिल होकर खुशी हुई। मुइज्जू ने लौटने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा को मालदीव के लिए सफल यात्रा बताया था। उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों से मालदीव के लोगों के लिए समृद्धि बढ़ेगी।

राष्ट्रपति बनने के बाद से रिश्तों में आया था तनाव

गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगस्त में मालदीव की यात्रा की थी। पिछले साल नवंबर में मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद नई दिल्ली की ओर से मालदीव की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी। मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव के साथ भारत के रिश्ते में तनाव आ गया। अपनी शपथ के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने भारत द्वारा मालदीव को उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों से वापस जाने को कहा था। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह असैन्य कर्मियों ने ले ली थी।