नई दिल्ली। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देकर बरसो पुराने विवाद को समाप्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि विवादित जमीन हिंदू पक्ष को और अध्योध्या में ही किसी अन्य स्थान पर पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्ष को दी जाए। इसी के साथ केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया था कि राम मंदिर के लिए एक ट्रस्ट बनाई जाए। अब राम मंदिर निर्माण के संबंध में केंद्र सरकार ने एक अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़े सभी मामलों पर गौर करने के लिए एक विशेष डेस्क बनाई है। एक आधिकारिक आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में तीन अधिकारी अयोध्या और इससे जुड़े अदालती फैसलों के संबंध में मामलों को देखेगा। कुमार के नेतृत्व में अब गृह मंत्रालय का यह नया विभाग अयोध्या संबंधी सभी मामलों को देखेगा।
सूत्रों के अनुसार यूपी सरकार ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर अयोध्या में ऐसे तीन भूखंडों का सुझाव दिया है, जिसमें से एक भूखंड को उत्तरप्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपा जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे सभी मामलों पर अब गृह मंत्रालय की नई डेस्क पर गौर किया जाएगा। गौरतलब है कि ज्ञानेश कुमार जम्मू कश्मीर और लद्दाख मामलों के विभाग के भी प्रमुख हैं और इन्होंने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने में और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इसी आदेश में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि आंतरिक सुरक्षा-दो खंड को आंतरिक सुरक्षा-एक खंड में मिला दिया गया है और इसके बाद इसे आंतरिक सुरक्षा-एक खंड के नाम से जाना जाएगा। संयुक्त सचिव (महिला सुरक्षा) पुण्य सलिला श्रीवास्तव को गृह मंत्रालय में उनकी मौजूदा जिम्मेदारी के साथ आंतरिक सुरक्षा -एक खंड का प्रभार दिया गया है।