प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र के बड़े नेता रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा के विमोचन कार्यक्रम में शाामिल हुए। उन्होंने बाला साहेब बिखे पाटिल की आत्मकथा ‘देह वीचवा करणी’ का विमोचन वर्चअल रूप मेंकिया। साथ ही उन्होंने प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी का नाम परिवर्तित कर ‘लोकनेते डॉ. बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस भी शामिल थे। प्रधाानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना संबोधन दिया और कहा कि बालासाहेब की कई पीढ़ी लगातार समाजसेवा कर रही हैं, वरना कुछ पीढ़ियां कम ताकतवर नजर आती हैं। उन्होंने कहा कि बालासाहेब ने सत्ता और राजनीति के जरिए समाज की भलाई का संदेश दिया। डॉक्टर बालासाहेब विखे पाटिल ने गांव, गरीब और किसानों के दुख को, दर्द को नजदीक से देखा, समझा। इसलिए वो किसानों को एक साथ लाए, उन्हें सहकार से जोड़ा। ये उन्हीं का प्रयास है कि जो इलाका कभी अभाव में जीने को मजबूर था, आज उसकी तस्वीर बदल गई है। गांव, गरीब के विकास के लिए, शिक्षा के लिए, उनका योगदान हो, महाराष्ट्र में कॉपरेटिव की सफलता का उनका प्रयास हो, ये आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देगा। इसलिए, बालासाहेब विखे पाटिल के जीवन पर ये किताब हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब देश में ग्रामीण शिक्षा की उतनी चर्चा भी नहीं होती थी, तब प्रूरल एजुकेशन सोसायटी के माध्यम से उन्होंने गांवों के युवाओं को प्रोत्साहित करने का काम किया।
इसके अलावा उन्होंने इस मौके पर कोरोना के संबंध में भी बात की और कह कि अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है। यह खतरा अभी बरकरार है। लेकिन हम इसके खिलाफ जरूर जंग जीतेंगे। आगे उन्होंने किसानोां कें सबंध मेंकहा कि कोल्ड चेन, मेगा फूड पार्क और एग्रो प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व काम हुआ है। गांव के हाटों से लेकर बड़ी मंडियों के आधुनिकीकरण से भी किसानों को लाभ होने वाला है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को छोटे छोटे खर्चे के लिए दूसरों के पास जाने से मुक्ति दिलाई है। इस योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं। किसानों, पशुपालकों और मछुआरों, तीनों को बैंकों से आसान ऋण मिल पाए, इसके लिए सभी को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। गांवों की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था में माइक्रो फाइनेंस का विशेष रोल है। मुद्रा जैसी योजना से गांव में स्वरोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं।
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