Mobile side effect : क्या आप भी घर के काम निपटाने के चक्कर बच्चों के हाथों में स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं? जिस दौरान आप घर या ऑफिस के काम को निपटा रहे हैं, उस समय में आपका बच्चा स्मार्टफोन पर क्या देख रहा है इस पर आपका ध्यान नहीं जाता है? अगर इन सवालों का जवाब हां है, तो सावधान हो जाइए। बच्चों को स्मार्टफोन देना उनके आंखों और दिमाग दोनों को ही नुकसान पहुंचा रहा है।
आज कल के पेरेंट्स का वक्त की कमी के कारण वह बच्चों को मोबाइल हाथों में पकड़ा देते हैं, लेकिन इसके लिए भी एक गाइडलाइन को फॉलो करना जरूरी है, ताकि बच्चे के मानसिक विकास में किसी तरह की बाधा न आए। डॉक्टर ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर बच्चों को फोन दिखाते वक्त क्या गाइडलाइन होनी चाहिए और किस उम्र के बच्चे को कितनी देर मोबाइल देखने देना चाहिए, इसकी जानकारी भी दी है।
0 से 2 साल के बच्चों को बिल्कुल भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए। यहां तक ही इस उम्र के बच्चों को टीवी स्क्रीन से भी दूरी बनानी चाहिए। यह उम्र ऐसी है, जिसमें बच्चा जो कुछ अपनी आंखों से देखता है, उसे बारिकी से अपने दिमाग में बैठा लेता है। वहीं, 2 से 5 साल के बच्चों को पूरे दिन में सिर्फ 1 घंटे स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के लिए दिया जा सकता है। लेकिन इस दौरान पेरेंट्स को पूरी निगरानी करनी चाहिए। पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि बच्चा मोबाइल स्क्रीन पर किसी तरह का हिंसा या नेगेटिव वीडियो या पिक्चर को न देखें। डॉक्टर की मानें तो 2 से 5 साल तक के बच्चों को मोबाइल या टीवी दिखाते वक्त पेरेंट्स को सिर्फ एजुकेशनल कंटेंट पर ही फोकस करना चाहिए।
साथ ही, बच्चों के चैनल्स को बार-बार बदलने से भी बचना चाहिए। आप बच्चे का एक चैनल फिक्स कर दीजिए और उसे कम से कम आधा घंटा दिखाएं। इसके अलावा 5 साल की उम्र के बाद बच्चों को स्मार्टफोन बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि 5 साल के बाद बच्चा स्कूल जाने लगता है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों को स्कूल, पार्क में दूसरे बच्चों के साथ खेलना और रनिंग जैसी एक्टिविटी पर फोकस करना चाहिए।
कई बच्चों को कम उम्र में ही मोबाइल करने की आदत पड़ जाती है। इस स्थिति में पेरेंट्स को बच्चों की आदत में धीरे-धीरे बदलाव करना चाहिए। पेरेंट्स बच्चों की मोबाइल इस्तेमाल करने की आदत को छुड़ाने के लिए नीचे बताए गए तरीके अपना सकते हैं?
– बच्चे आपको देखकर ही सीखते हैं इस स्थिति में बच्चों के सामने फोन का इस्तेमाल कम से कम करें। बच्चों के सामने सिर्फ कॉल पर बात करें, ताकि उनके सामने यह संदेश जा सके कि मोबाइल सिर्फ एक-दूसरे से संपर्क बनाने के लिए है।
– खाली समय में बच्चों के साथ घर के कामों में मदद लें। शुरुआत में हो सकता है कि आपका बच्चा घर के काम में मदद करने की बजाय आपको परेशान करें, लेकिन वक्त के साथ उसे इसकी आदत हो जाएगी।
– अपने बच्चों के साथ आउटडोर एक्टिविटी करने की कोशिश करें। जब आप बच्चे साथ में कहीं खेल रहे हैं या ड्राइंग जैसी एक्टिविटी कर रहे हैं, तो सेल्फी खींचने तक के लिए मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
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