नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) सरकार की मदद करती है। देश में कई मुद्दों को हल करने में इससे सहायता मिलती है। अब जनगणना के लिए डिजिटल तकनीक का भी प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2021 में जो जनगणना होगी इसमें हम मोबाइल ऐप का भी प्रयोग करेंगे। जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है। देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है। गृह मंत्री ने कहा कि सन 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है। उन्होंने कहा कि साल 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरूआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरूआत हुई।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजना भी जनगणना से ही जन्म लेती है। कम लिंगानुपात वाले राज्यों में जन जागृति फैलाना, गर्भपात के कानून को कठोर बनाना, जैसे कई प्रयास किये जाते हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजना भी जनगणना से ही जन्म लेती है। कम लिंगानुपात वाले राज्यों में जन जागृति फैलाना, गर्भपात के कानून को कठोर बनाना, जैसे कई प्रयास किये जाते हैं।
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