नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है। दशहरे के विशेष पर्व के दिन 1925 में संगठन की स्थापना हुई थी। विजयदशमी के मौके पर रेशमीबाग मैदान में संघ प्रमुख ने ‘शस्त्र पूजा की और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस विशेष वार्षिक समारोह में एचसीएल के संस्थापक शिव नादर मुख्य अतिथि थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि ‘भीड़ हत्या (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिये भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। ‘लिंचिग शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपे। उन्होंने इस मौके पर जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सराहना भी की।
उन्होंने कहा, ” यह कदम अपनी पूर्णता तब प्राप्त कर लेगा, जब 370 के प्रभाव में न हो सके न्याय कार्य सम्पन्न होंगे तथा उसी प्रभाव के कारण चलते आये अन्यायों की समाप्ति होगी। भागवत ने कहा, ”बीते कुछ वर्षों में भारत की सोच की दिशा में एक परिवर्तन आया है, जिसे न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी, तथा निहित स्वार्थों के लिये ये शक्तियां भारत को दृढ़ और शक्ति संपन्न नहीं होने देना चाहतीं। सरसंघचालक ने कहा, ”समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद तथा सहयोग बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए। समाज के सभी वर्गों का सद्भाव, समरसता व सहयोग तथा कानून संविधान की मयार्दा में ही अपने मतों की अभिव्यक्ति यह आज की स्थिति में नितांत आवश्यक बात है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी इस सामारोह में मौजूद रहे।