इशिका ठाकुर, करनाल:
मनरेगा मजदूर पूरे प्रदेश में समय-समय पर अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को देते रहे हैं। इतना समय बीत जाने के बाद भी मनरेगा मजदूरों की मांगों को नहीं माना गया। इसके चलते आज पूरे हरियाणा के हजारों की संख्या में मनरेगा मजदूर यूनियन के बैनर तले करनाल सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री आवास के बाहर इकट्ठा हुए।
मुख्यमंत्री आवास से दूर बैठे मजदूर
मुख्यमंत्री आवास के बाहर की भारी तैनाती के कारण की गई घोषणा के अनुसार प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री के आवास का घेराव नहीं कर सके और उन्हें मजबूरन मुख्यमंत्री आवास से कुछ दूर बैठकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करना पड़ा। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या मनरेगा मजदूरी कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को कोसा। मनरेगा मजदूर ने बोलते हुए कहा कि हमने पहले कई बार मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन दिया है। लेकिन अभी तक हमारी मांगों को नहीं माना गया, जिसके चलते आज हम करनाल में इकठ्ठा हुए और हम मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री आवास से पहले ही रोका
वहां पर पुलिस बल भी तैनात था उनको मुख्यमंत्री के आवास से कुछ दूरी पहले ही पुलिस ने बेरिकेड लगाकर रोक दिया गया है और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। उन्होंने कहा कि यह सांकेतिक प्रदर्शन है,अगर सरकार अभी हमारी मांगों को नहीं मानती तो आने वाले समय में इससे भी ज्यादा हजारों की संख्या में मनरेगा मजदूर करनाल में पहुंचकर सीएम आवास का घेराव करेंगे। मनरेगा मजदूरों के समर्थन में पहुंचे आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय सलाहकार अनुराग डांडा ने कहा कि सरकार आम आदमी पार्टी के लिए बनाई गई योजनाओं के पैसे का सही से उपयोग नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों की सभी मांगे जायज है और निश्चित तौर पर उन्हें उनका हक मिलना चाहिए मजदूरों के इस हक की लड़ाई में आम आदमी पार्टी हमेशा मजदूरों के साथ हैं।
ये हैं मुख्य मांगें
मनरेगा मजदूरों को पहले 1 साल में 100 दिन काम दिया जाता था। लेकिन अब उनकी मांग है कि उनको साल के 365 दिन रोजगार दिया जाए। उनकी मजदूरी मौजूदा समय में 300 के करीब है उनकी मजदूरी बढ़ाकर 600 प्रतिदिन की जाए । उनके पिछले कई महीनों से मजदूरी के पैसे बकाया है जल्द से जल्द सरकार उनके खाते में मजदूरी के पैसे डालें। काफी मनरेगा मजदूरों के मनरेगा कार्ड नहीं बन रहे जिससे उनको काम करने में परेशानी हो रही है ।उनकी मांग है कि सभी मनरेगा मजदूरों के समय रहते मनरेगा कार्ड बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी मजदूर की मनरेगा मजदूरी में काम करते हुए मौत हो जाती है तो उसका सरकार 20 लाख रूपये मुवावजा दे।
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